आंबेडकर जयंती के बहाने दलितों की गोलबंदी 

Share

JDU का पूरा जोर दलित वोट बैंक साधने पर है.भीम दरबार लगाने के बाद इसबार पार्टी पहली बार इतने बड़े स्तर पर आंबेडकर जयंती का आयोजन कर रहा है. यह पंचायत स्तर पर उत्सव के रूप में होगा.स्थानीय स्तर पर पार्टी के नेता पंचायत व टोलों के लोग आंबेडकर जयंती कार्यक्रम मे मौजूद रहेंगे. मुख्यालय स्तर पर इसका अनुश्रवण भी किया जाएगा.युवाओं को इस कार्यक्रम से विशेष रूप से जोड़ा जा रहा है. यह भी पहली बार हुआ कि आंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर JDU ने दीपोत्सव का आयोजन किया.

डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर गांव-गांव तक यह संदेश पहुंचाएगी कि किस तरह केंद्र सरकार संविधान के ढांचे पर प्रहार कर रही है.अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को बताया जाएगा कि उनका संविधानिक अधिकार खतरे में है.उन्हें बीजेपी से सतर्क रहने और अपनी एकजुटता दिखाने की अपील की जायेगी.जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह भी शामिल होंगे.इसका आयोजन जदयू की पटना महानगर इकाई ने किया है.

JDU ने आंबेडकर जयंती को ले इस वर्ष अपने फारमेट को थोड़ा आक्रमक बनाया है.JDU के वरिष्ठ नेता व भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने इस आयोजन को ले कई जिलों में जाकर भीम संवाद का आयोजन किया.इस आयोजन के उद्देश्य पर उनसे की गई बातचीत के अंश- क्या जरूरत पड़ गई भीम संवाद के आयोजन की? – दरअसल इसके माध्यम से अनुसूचित जाति व जनजाति समाज के लोगों को उनके अधिकारों के लिए सजग व सतर्क रहने की बात की जा रही है.लोगों को संगठित रहने को कहा जा रहा.

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने विगत 17 वर्षों में अनुसूचित जाति व जनजाति समाज के लोगों के लिए काफी काम किए।उनकी सहूलियत के लिए नए नियम-कानून बनाए. उन्हें अधिकार देकर सशक्त बनाया. इसी तरह आर्थिक रूप से सशक्तता हासिल करने को ले उनके लिए मु्ख्यमंत्री उद्यमी योजना आरंभ किया गया.इसके तहत उन्हें पांच लाख रुपये अनुदान के रूप में और पांच लाख रुपये बगैर ब्याज का ऋण दिया. इससे वे अपना उद्योग शुरू कर सकते हैं. मुख्यमंत्री परिवहन योजना के माध्यम से अलग से मदद की जाती है.

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
September 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930