दो दिवसीय कार्यशाला में बताया गया – ईसीजी से कैसे बचाई जा सकती है मरीज की जान
स्टेट डेस्क, केएमपी भारत, पटना
सिवान | स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त व तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में सिवान में एक अहम कदम उठाया गया। स्थानीय सभागार में दो दिवसीय ईसीजी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों को इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) की बारीकियों से अवगत कराया गया। कार्यशाला का उद्देश्य हृदय रोगों के शीघ्र और सटीक निदान में ईसीजी तकनीक के महत्व को समझाना था।
विशेषज्ञों ने समझाया – ईसीजी कैसे करता है हृदय की कार्यप्रणाली का आकलन
कार्यशाला में बृज हेल्थ सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई के विशेषज्ञों विजेंद्र कुमार, सुभाष पंडित और महेश कुमार ने ईसीजी की मूल संरचना, विभिन्न तरंगों की व्याख्या, सामान्य एवं असामान्य पैटर्न की पहचान और अतालता, मायोकार्डियल इन्फार्क्शन जैसी हृदय संबंधी बीमारियों के निदान की तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी।
सिविल सर्जन बोले – आपात स्थिति में जीवनरक्षक है ईसीजी
सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि ईसीजी एक सरल, तेज और अत्यंत प्रभावी तकनीक है जो आपातकालीन परिस्थितियों में मरीज की जान बचाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि डिजिटल ईसीजी मशीन, वायरलेस मॉनिटरिंग और एआई आधारित विश्लेषण से अब हृदय रोगों का निदान पहले से अधिक सटीक और त्वरित हो गया है।
डॉ ओपी लाल ने बताया – पीपीपी मोड से बहाल होंगी ईसीजी सेवाएं
जिला गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि एनपी-एनसीडी कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में पीपीपी मोड पर ईसीजी मशीनें लगाई जा चुकी हैं। सफल संचालन के लिए जिला स्तर पर यह प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिससे स्वास्थ्यकर्मी इन आधुनिक उपकरणों का सही उपयोग कर सकें।
प्रखंड स्तर पर चयनित कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
दो दिवसीय प्रशिक्षण में जिले के सभी 19 प्रखंडों से चयनित जीएनएम और एएनएम को शामिल किया गया। पहले दिन आंदर, बड़हरिया, बसंतपुर, भगवानपुर हाट, दरौली, दरौंदा, गोरेयाकोठी, गुठनी, हसनपुरा और हुसैनगंज प्रखंडों के कर्मी और दूसरे दिन शेष प्रखंडों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।