भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर तेज हुआ अभियान
बिहार डेस्क, केएमपी भारत, पटना
सीवान। भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर भोजपुरी विकास मंडल की अभियान समिति की बैठक रविवार को प्रभा निवास, पकड़ी मोड़ में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मंडल के अध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. प्रजापति त्रिपाठी ने की। बैठक में भोजपुरी आंदोलन को नई गति देने, जनजागरण अभियान तेज करने तथा सदस्यता अभियान चलाने पर विशेष जोर दिया गया।
पुराने प्रयासों की समीक्षा, भविष्य की योजना पर चर्चा
बैठक की शुरुआत सचिव मार्कण्डेय के वक्तव्य से हुई। उन्होंने अब तक के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग काफी पुरानी है। कई मंचों से इसके लिए प्रस्ताव पारित होते रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने भोजपुरी के नाम पर राजनीति में ऊंचे पद प्राप्त किए, लेकिन भाषा की दिशा और दशा में सुधार नहीं आया। अब समय आ गया है कि भोजपुरी भाषियों में व्याप्त जड़ता को तोड़ते हुए निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए।
डिजिटल प्रचार, जनसंपर्क और अकादमी गठन पर बल
युगल किशोर दुबे ने बैठक में सुझाव दिया कि व्यापक स्तर पर पर्चे बांटने और डिजिटल माध्यम से प्रचार-प्रसार की रणनीति अपनाई जाए। पूर्व प्राचार्य अखिलेश पांडेय ने मांग की कि जहां-जहां भोजपुरी भाषी बड़ी संख्या में रहते हैं, उन राज्यों में भोजपुरी अकादमी का गठन किया जाए।
भाषा आंदोलन को जन-आंदोलन बनाने की अपील
इंजीनियर गणेश प्रसाद ने भोजपुरी विकास मंडल की सदस्यता बढ़ाने पर बल दिया, वहीं पूर्व प्राचार्य गोरखनाथ गुंजन ने स्कूल-कॉलेज और समाज के हर वर्ग को आंदोलन से जोड़ने की बात कही। डॉ. संदीप कुमार यादव और विज्ञान शिक्षक रामनरेश सिंह ने भिखारी ठाकुर, राहुल सांकृत्यायन और महेन्द्र मिश्र की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया।
लेखकों के लिए सरकारी सहयोग की मांग
अधिवक्ता धीरज कुमार ने भोजपुरी लेखकों की पुस्तकों को पुस्तकालयों में शामिल करने हेतु सरकारी खरीद सुनिश्चित करने की मांग की। बैठक के अंत में कोषाध्यक्ष प्रो. उपेंद्र नाथ यादव ने सभी अतिथियों का आभार जताया। बैठक डॉ. त्रिपाठी के अध्यक्षीय संबोधन के साथ संपन्न हुई।