बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
सिवान | कृष्ण मुरारी पांडेय
जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिवान की ओर से रविवार को मंडल कारा परिसर में कैदियों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार अध्यक्ष मोतीश कुमार सिंह एवं सचिव सुनील कुमार सिंह के निर्देश पर आयोजित हुआ। शिविर में पैनल अधिवक्ता एडवोकेट गणेश राम उर्फ ज्ञान रत्न और पीएलवी संध्या कुमारी ने कैदियों को प्ली बारगेनिंग ऑफ कंपाउंडेबल सेक्शन के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी।


समझौते से मुकदमा समाप्त करने की प्रक्रिया
एडवोकेट गणेश ने बताया कि प्ली बारगेनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अभियुक्त और अभियोजन पक्ष के बीच समझौते के आधार पर विचारण से पूर्व ही मुकदमा समाप्त किया जा सकता है। विशेष रूप से ऐसे मामलों में, जिनमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान है, अभियुक्त यदि न्यायालय के समक्ष अपनी गलती स्वीकार करता है तो अदालत दंड को कम कर सकती है। इससे कैदियों को राहत मिलती है और उन्हें शीघ्र न्याय मिलता है।
जीवन का सदुपयोग करने की सीख
कैदियों को संबोधित करते हुए एडवोकेट गणेश ने कहा कि “मनुष्य का जीवन बहुत अनमोल है। परिवार के सपनों और उम्मीदों को पूरा करने के लिए जरूरी है कि आप मुख्य धारा से जुड़ें और अपने जीवन का सही उपयोग करें।” उन्होंने बताया कि अक्सर युवा गलत संगत में पड़कर अपराध की राह पर चले जाते हैं, जिसका परिणाम जेल की चारदीवारी होती है। लेकिन जिला विधिक सेवा प्राधिकार ऐसे कैदियों को हर संभव मदद देने के लिए तत्पर है ताकि वे दोबारा समाज में अपनी पहचान बना सकें।

जेल प्रशासन भी रहा मौजूद
इस मौके पर जेल अधीक्षक देवाशीष कुमार सिंहा समेत अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। शिविर में बड़ी संख्या में कैदियों ने भाग लिया और प्ली बारगेनिंग से जुड़े सवाल पूछे। कार्यक्रम का उद्देश्य कैदियों को कानूनी अधिकारों और न्यायालय द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले विकल्पों की जानकारी देना था।
एडवोकेट गणेश राम उर्फ ज्ञान रत्न ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ऐसे शिविरों से कैदियों को नई दिशा मिलती है और वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए प्रेरित होते हैं।