प्रशांत किशोर का बिहार मॉडल: ‘बिहार के पैसे से हो रहा है अन्य राज्यों का विकास

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शिक्षा में क्रांति लाना ज़रूरी’

प्रसिद्ध ENT विशेषज्ञ डॉ. धीरेन कुमार और सर्जन डॉ. शाहनवाज आलम से मुलाकात में जन स्वराज पार्टी अध्यक्ष ने रखे अपने स्पष्ट विचार-

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कृष्ण मुरारी पांडेय। सीवान | बिहार के चर्चित नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन कुमार और सर्जन डॉ. शाहनवाज आलम ने मंगलवार को जन स्वराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत किशोर से नगर के प्रसिद्ध होटल सफायर इन में मुलाकात की। इस दौरान तीनों के बीच राज्य की आर्थिक स्थिति, शिक्षा व्यवस्था और औद्योगिक विकास को लेकर विस्तृत बातचीत हुई। बातचीत के केंद्र में रहा — बिहार में विकास के लिए ज़रूरी संसाधनों का अभाव और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी।

बिहार के पैसों से दूसरे राज्य कर रहे तरक्की: प्रशांत किशोर

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प्रशांत किशोर ने बातचीत के दौरान एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक ‘क्रेडिट-डिपॉजिट रेशो (CD Ratio)’ का ज़िक्र करते हुए कहा, “बिहार में सीडी रेशो मात्र 40% है। यानी अगर कोई बैंक यहां ₹1 लाख जमा करता है, तो बदले में महज़ ₹40,000 ही वापस बिहार के लोगों को लोन या उद्योग के लिए दिया जाता है। जबकि अन्य विकसित राज्यों में यही आंकड़ा 70-90% तक होता है। ये सीधा-सीधा बिहार के आर्थिक शोषण का उदाहरण है।” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार से जो पूंजी बैंकिंग के माध्यम से जाती है, वह विकसित राज्यों में उद्योग लगाने और इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में लगती है। “बिहार को उसके ही पैसों का न्याय नहीं मिल रहा।”

कॉलेजों में प्लस टू की पढ़ाई हो फिर से शुरू — डॉ. धीरेन कुमार की मांग

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इस अवसर पर डॉ. धीरेन कुमार ने शिक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “जब से प्लस टू की पढ़ाई कॉलेजों से हटाकर अलग स्कूलों में की गई है, शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ा है। पहले छात्र कॉलेज की अकादमिक संस्कृति में रहते थे, अब वो अवसर नहीं मिल रहा।”इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने आश्वासन दिया कि, “यह मुद्दा जन स्वराज पार्टी के प्रमुख एजेंडों में शामिल है। हम चाहेंगे कि कॉलेजों में फिर से +2 की पढ़ाई शुरू हो, ताकि छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सके।”

हर ब्लॉक में चाहिए ‘नेतरहाट’ जैसे 5 मॉडल स्कूल — किशोर का शिक्षा विजन

प्रशांत किशोर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव की वकालत की। उन्होंने कहा कि अगर राज्य को शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है तो सिर्फ योजना नहीं, गंभीर क्रियान्वयन की ज़रूरत है।> “हमारा सपना है कि बिहार के हर ब्लॉक में कम से कम पांच स्कूल स्थापित किए जाएं जो नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर हों। गुणवत्तापूर्ण शिक्षक, समर्पित स्टाफ, और आधुनिक सुविधाएं इन स्कूलों में प्राथमिकता हों।”

एक ही कॉलेज से पढ़े दोनों नेता-चिकित्सक

बातचीत के दौरान एक दिलचस्प तथ्य सामने आया कि प्रशांत किशोर और डॉ. धीरेन कुमार दोनों ने ही अपनी प्लस टू की शिक्षा पटना साइंस कॉलेज से पूरी की थी। इसी अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने पुराने शिक्षा ढांचे की मजबूती और महत्त्व को दोहराया।

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