भाजपा ने बड़हलगंज में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर संगोष्ठी आयोजित की
न्यूज़ डेस्क। केएमपी भारत। गोरखपुर
चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र के बड़हलगंज उपनगर स्थित एक मैरेज हाल में भारतीय जनता पार्टी की ओर से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बड़हलगंज मण्डल अध्यक्ष दुर्गेश मिश्र ने की, जबकि संचालन अखंड प्रताप शाही ने किया। संगोष्ठी की शुरुआत डॉ. मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई।
“संस्कृति और सिद्धांतों के प्रतीक थे डॉ. मुखर्जी” – विधायक राजेश त्रिपाठी
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद चिल्लूपार के विधायक राजेश त्रिपाठी ने कहा कि डॉ. मुखर्जी न केवल सिद्धांतवादी नेता थे, बल्कि वे मानवता के उपासक भी थे। उन्होंने हमेशा सांस्कृतिक एकता का समर्थन किया और धर्म के आधार पर देश के विभाजन का खुलकर विरोध किया। विधायक ने कहा कि भाजपा के प्रत्येक मण्डल में जयंती कार्यक्रम आयोजित कर उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।

धारा 370 हटाना था डॉ. मुखर्जी का सपना – स्वतंत्र सिंह
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला मंत्री स्वतंत्र सिंह ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे और वे अनुच्छेद 370 को हटाने के पक्षधर थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह सपना अब साकार हो चुका है। यह उनके संघर्ष और विचारधारा की जीत है।
डॉ. मुखर्जी के विचार आज भी प्रासंगिक – कमलेश पटेल
पूर्व जिला उपाध्यक्ष कमलेश पटेल ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व व कृतित्व को समझना आज की राजनीति में भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अपने त्याग, संघर्ष और दृष्टिकोण से भारतीय राजनीति को नई दिशा दी।
आलोक तिवारी ने निभाई संयोजक की भूमिका
कार्यक्रम के संयोजक आलोक तिवारी रहे, जिन्होंने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सैकड़ों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति से कार्यक्रम रहा भव्य
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विधायक प्रतिनिधि आचार्य वेद प्रकाश त्रिपाठी, राजीव पाण्डेय, गोपाल यादव, विनय पाण्डेय, विनय तिवारी, बनवारी प्रसाद, रामजी वर्मा, सुरेश पटवा, अजित सिंह, धर्मराज निषाद, मनमोहन पटवा, श्रीराम मद्धेशिया, गौरव उम्र, विजय लक्ष्मी जायसवाल, गीता सिंह, मीनू श्रीवास्तव, प्रेमलता गिरी, मंजू सिंह, राजेश सिंह, अशोक यादव, शिवाजी सिंह, गिरजेश तिवारी, शैलेन्द्र राय, राम किशुन प्रजापति, शिवप्रकाश यादव, दिलीप निगम, भानू पाण्डेय समेत सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
संगोष्ठी के माध्यम से डॉ. मुखर्जी के विचारों को किया गया साझा
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों, आदर्शों और उनके बलिदान को समाज के बीच साझा करना था, ताकि नई पीढ़ी उनके योगदान को जान सके और प्रेरणा ले सके।