सीवान : 13 साल में नहीं सुधरी किस्मत: गुठनी की जतौर-बेलौरी सड़क पर कीचड़, गड्ढे और हादसे

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बारिश में बढ़ी लोगों की परेशानी, यूपी-बिहा कोर के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली इस अहम सड़क की हालत बद से बदतर

ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से की गुहार, लेकिन सुनवाई नहीं

केएमपी भारत। गुठनी (सीवान)।
सिवान जिले के गुठनी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत जतौर-बेलौरी सड़क की हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि लोग अब इस रास्ते से चलने में डरने लगे हैं। नहर किनारे बनी यह सड़क अब गड्ढों और कीचड़ में तब्दील हो गई है। बारिश ने हालात और भी खराब कर दिए हैं। हर दिन लोग जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से गुजरने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क लगभग 13 साल पहले वर्ष 2013 में तत्कालीन मुखिया अमर सिंह के द्वारा बनवाई गई थी, लेकिन तब से अब तक इसका कोई मरम्मत नहीं कराया गया। यही कारण है कि आज यह सड़क एक उपेक्षित खंडहर का रूप ले चुकी है।

ग्रामीण बोले: कीचड़ में फिसलते हैं बाइक सवार, मरीज को अस्पताल ले जाना भी मुश्किल

काशीनाथ मिश्र, सेवानिवृत्त शिक्षक और बेलौरी निवासी ने बताया, “यह सड़क रामजानकी मार्ग और गुठनी-मैरवा-सिवान मार्ग को जोड़ती है। इससे दर्जनों गांवों के लोग जुड़े हुए हैं। लेकिन इसकी मरम्मत नहीं होने के कारण अब यह जानलेवा बन गई है।”

शिवलाल भगत का कहना है, “हमारे गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने का यही एकमात्र रास्ता है। ब्लॉक, अस्पताल या थाना किसी भी जरूरत के लिए इसी जर्जर सड़क से होकर जाना पड़ता है।”

संतोष गुप्ता ने कहा, “कभी किसी की तबीयत खराब हो जाए तो एंबुलेंस तक इस सड़क से नहीं आ पाती। वर्षा के समय तो बाइक और कार तक चलना मुश्किल हो जाता है।”

हर बारिश में बनते हैं गड्ढे, हर दिन होती हैं दुर्घटनाएं
सूरज पांडेय का कहना है कि सड़क की हालत इतनी खराब है कि हर बारिश के बाद दुर्घटनाएं आम हो जाती हैं। “हम कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यान खींच चुके हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है।”

मोतीलाल यादव ने बताया, “इस सड़क से दर्जनों गांवों का रास्ता है। दिन-रात लोगों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन सड़क की दुर्दशा से परेशानी बढ़ती जा रही है।”

अमरजीत चौहान ने कहा, “यूपी के सीमावर्ती गांवों को जोड़ने वाली यह सड़क अब सिर्फ एक उपेक्षित राह बनकर रह गई है। प्रशासन और नेताओं की आंखें बंद हैं।”

जनप्रतिनिधियों पर फूटा लोगों का गुस्सा
जयप्रकाश यादव बोले, “2013 में बनी इस सड़क पर उसके बाद किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया। आज भी हम कीचड़ में चलने को मजबूर हैं।”

राजेश राम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “जनप्रतिनिधियों को सिर्फ चुनाव के समय गांव की याद आती है। वादे करते हैं लेकिन विकास के समय गायब हो जाते हैं।”

कौशल किशोर मिश्र ने बताया कि विधायक, सांसद से कई बार शिकायत की गई, लेकिन “अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। बरसात में हालात और खराब हो जाते हैं।”

13 साल से बिना मरम्मत के इंतजार में सड़क
रामबदन गुप्ता बोले, “करीब 13 वर्ष पहले ईंटकरण हुआ था, उसके बाद से सड़क मरम्मत नहीं हुई। अब सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं।”

त्रिलोकी नाथ मिश्र ने कहा, “यह सड़क अब पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। हजारों लोग रोज इससे गुजरते हैं, फिर भी जिम्मेदार चुप हैं।”

शिवकुमार गुप्ता ने बताया, “बरसात में हालत इतनी खराब हो जाती है कि लोग रास्ता बदलकर चलने को मजबूर हो जाते हैं। फिर भी किसी को फर्क नहीं पड़ता।”

ग्रामीणों की मांग: सड़क का शीघ्र हो निर्माण, नहीं तो होगा आंदोलन
जतौर-बेलौरी सड़क के संबंध में ग्रामीणों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई है। अब लोग सड़क निर्माण की ठोस पहल चाहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही सड़क की मरम्मत या पुनर्निर्माण नहीं हुआ, तो वे सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे।

मालूम हो कि जतौर-बेलौरी सड़क गुठनी प्रखंड की एक प्रमुख संपर्क सड़क है जो यूपी-बिहार सीमा के दर्जनों गांवों को जोड़ती है। इसका सुधार न केवल क्षेत्रीय सुविधा के लिए जरूरी है, बल्कि यह जनसुरक्षा का भी सवाल बन चुका है।

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