इजरायल की बर्बरता के खिलाफ उठी सिवान से आवाज
केएमपी भारत। सीवान |अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन के तत्वावधान में रविवार को एक विचार संगोष्ठी का आयोजन न्याय मार्ग स्थित वरिष्ठ अधिवक्ता मणीश प्रसाद सिंह के आवास पर किया गया। ‘इजरायल द्वारा गाजा पट्टी में नरसंहार’ विषयक इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ उस्ताद शायर कमर सीवानी ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत अहमदाबाद विमान दुर्घटना में मारे गए यात्रियों और जेड ए इस्लामिया कॉलेज के दिवंगत प्राध्यापक डॉ तैयब हुसैन को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।
इजरायल की सैन्य क्रूरता पर कड़ा प्रहार
विषय प्रवेश कराते हुए अरुण कुमार सिंह ने कहा कि इजरायल ने अपनी स्थापना के समय से ही फिलिस्तीन के भूभाग पर कब्जा किया है और वहां लगातार युद्ध की स्थिति बना रखी है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 50 हजार निर्दोष लोग, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं, इस युद्ध में मारे जा चुके हैं। उन्होंने 12 वर्षीय बच्ची यकीन हमाद का जिक्र किया, जो युद्ध से पहले इंस्टाग्राम पर शरणार्थी शिविरों का भयावह वीडियो पोस्ट कर चुकी थी।
भारत-इजरायल गठजोड़ पर उठाए सवाल
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन के महासचिव मणीश प्रसाद सिंह ने कहा कि इजरायल और भारत की मौजूदा सरकारें फिलीस्तीन के संघर्ष को धार्मिक रंग देकर यहूदी बनाम मुस्लिम बना रही हैं, जो विज्ञान और शांति की भावना के विरुद्ध है।
ग्रेटा थनबर्ग की गिरफ्तारी का भी हुआ जिक्र
जलेस के जिला सचिव मार्कंडेय ने कहा कि इजरायल का मानवता से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने बताया कि स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने पर इजरायली सेना ने गिरफ्तार कर लिया और फ्रांस के रास्ते स्वदेश भेज दिया।
पूंजीवाद को बताया अशांति की जड़
परमा चौधरी ने कहा कि वैश्विक तनाव और युद्धों की जड़ में पूंजीवादी सोच है, जो केवल मुनाफा देखती है, इंसानियत नहीं। डॉ संदीप कुमार यादव ने संगठन को मजबूत करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, “खिल नहीं सकती कली कोई माली के बिना, मुरझा जाती है वो सहारा एक डाली के बिना।”
मानवाधिकार आयोग भी पूंजीपतियों के कब्जे में – डॉ प्रसाद
डॉ जगन्नाथ प्रसाद ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आज यूएनओ, मानवाधिकार आयोग जैसी संस्थाएं भी पूंजीपतियों की कठपुतली बन चुकी हैं, जिनसे अब बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती।
वरिष्ठ शायर ने दी युद्धविराम की अपील
अध्यक्षीय संबोधन में वरिष्ठ उस्ताद शायर कमर सीवानी ने गाजा में अविलंब युद्धविराम की मांग की और कहा कि शांति वार्ता का माहौल बनना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि इस मसले पर संवेदनशीलता दिखाएं और न्याय के पक्ष में खड़े हों।
मानवता की अपील: राहत सामग्री बेरोकटोक पहुंचे
युगल किशोर दूबे ने मांग की कि गाजा पट्टी में मानवीय सहायता को बिना किसी अवरोध के पहुंचने दिया जाए।
इन प्रमुखों ने भी रखे विचार
कार्यक्रम में आइसा के युवा नेता धर्मेंद्र कुमार, शशि कुमार, भोगेंद्र झा, मुरलीधर मिश्र, कन्हैया चौधरी, डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव, सुशील कुमार समेत दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता व बुद्धिजीवी मौजूद रहे।
संदेश साफ: मानवता की हत्या के खिलाफ उठानी होगी एकजुट आवाज
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि गाजा में हो रहे नरसंहार के खिलाफ वैश्विक स्तर पर जनमत तैयार करना होगा और शांति व न्याय के पक्ष में एकजुट प्रयास जरूरी हैं।