साहित्य की तीन विधाओं में उत्कृष्ट सृजन के लिए देश के तीन चर्चित साहित्यकार सम्मानित
बिहार न्यूज डेस्क, केएमपी भारत, मुजफ्फरपुर

डॉ. शांति कुमारी सेवा संस्थान की ओर से गुरुवार को माड़ीपुर स्थित एक होटल के सभागार में भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर देश के तीन प्रख्यात साहित्यकारों को ‘डॉ. शांति कुमारी सम्मान’ से नवाजा गया।
दिल्ली के विजय कुमार स्वर्णकार को ‘गजल’ के लिए, वाराणसी के हीरालाल मिश्र मधुकर को ‘गीत’ के लिए तथा पटना के इंजीनियर रामनरेश शर्मा को ‘लोकभाषा’ में योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया। इन तीनों साहित्यकारों को अंगवस्त्र, मोमेंटो, प्रशस्ति-पत्र के साथ 5100 रुपये की सम्मान राशि दी गई।
संस्थान को मिला गौरव : भावना
समारोह का उद्घाटन डॉ. अनिल कुमार, डॉ. भावना, डॉ. संजय पंकज, डॉ. अमर पंकज, अनिरुद्ध सिन्हा, डॉ. देवव्रत अकेला, डॉ. रवींद्र उपाध्याय और गोपाल फलक ने संयुक्त रूप से किया। स्वागत भाषण में सचिव डॉ. भावना ने कहा कि यह सम्मान पिछले चार वर्षों से साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है। संस्थान को यह गौरव प्राप्त हुआ है कि वह ऐसे साहित्यकारों को मंच देकर उन्हें सम्मानित कर रहा है।
गजल को मिले नई ऊंचाई : विजय
सम्मान प्राप्त कर विजय कुमार स्वर्णकार ने कहा कि हिंदी गजल आज की सबसे लोकप्रिय विधा बन चुकी है। ऐसे सम्मान से लेखन को नई ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि हिंदी गजल को उर्दू गजल की ऊंचाई तक ले जाना उनका उद्देश्य है। वहीं हीरालाल मिश्र ने कहा कि यह सम्मान प्रेम और समर्पण का प्रतिफल है।
पुस्तक लोकार्पण और कवि सम्मेलन भी
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में छह पुस्तकों का लोकार्पण हुआ, जिनमें डॉ. भावना का बज्जिका उपन्यास लाडो, हिंदी गजल : दृष्टि और संकल्पनाएं, अग्निपथ, चुने हुए शेर, डॉ. अमर पंकज की प्रतिनिधि गजलें और वैशाली राय की अंग्रेजी पुस्तक Pen to Purpose शामिल हैं। इस मौके पर साहित्यकारों ने पुस्तकों की प्रासंगिकता पर चर्चा भी की।
अंतिम सत्र में कवि सम्मेलन हुआ, जिसकी कमान महिलाओं ने संभाली। डॉ. विद्या चौधरी, माधुरी स्वर्णकार, लता ज्योतिर्मय, अनीता सिंह, प्रमोद मिश्र समेत कई रचनाकारों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। सभी कवियों को भी मोमेंटो और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।