जगदीशपुर के ब्रह्मा प्रसाद को मिली राहत, बिजली बिल विवाद का 45 दिन में हुआ समाधान
बिहार डेस्क, केएमपी भारत, पटना
सिवान। ग्राम जगदीशपुर मोड़, प्रखंड गोरेयाकोठी के निवासी ब्रह्मा प्रसाद को आखिरकार लंबे समय से चले आ रहे अत्यधिक बिजली बिल की समस्या से राहत मिली है। उपभोक्ता संख्या 127405998988 के अंतर्गत जुलाई 2025 माह में भेजे गए ₹13,790 के बिल को गलत पाए जाने के बाद जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय, सिवान के हस्तक्षेप से उसमें ₹6,185 की कटौती की गई है।
शिकायत पर नहीं हुई थी कार्रवाई, चक्कर काटते रहे उपभोक्ता
ब्रह्मा प्रसाद ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले अपनी शिकायत सहायक विद्युत अभियंता आपूर्ति, अवर प्रमंडल, बसंतपुर के कार्यालय में दर्ज कराई थी। लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अंतर्गत ऑनलाइन माध्यम से जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय, सिवान में परिवाद संख्या 9999901170325540988/1A के तहत शिकायत दर्ज कराई।
लोक शिकायत कार्यालय की सक्रियता से मिला समाधान
परिवाद की सुनवाई की प्रक्रिया 21 मई 2025 से शुरू हुई। लोक प्राधिकार ने सहायक विद्युत अभियंता को निर्देशित किया कि वह मामले की जांच करें। इसके बाद कनीय विद्युत अभियंता, गोरेयाकोठी की रिपोर्ट के आधार पर बिल में सुधार किया गया। अब संशोधित बिल ₹7,459.71 है, जिसे परिवादी ने स्वीकार कर लिया है।
प्रचार-प्रसार से मिली जानकारी, ऑनलाइन माध्यम से किया आवेदन
परिवादी ने बताया कि उन्हें लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की जानकारी प्रचार-प्रसार और ऑनलाइन माध्यम से मिली। आवेदन भरने में सूचना-सुविधा केंद्र के कर्मियों ने उन्हें मदद की।
परिवादी पूरी तरह संतुष्ट, कहा – अब जनता को मिल रहा है न्याय
ब्रह्मा प्रसाद ने कहा कि वे कई महीनों से बिजली विभाग के चक्कर काट रहे थे लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी। लोक शिकायत निवारण कार्यालय में आवेदन देने के महज 45 दिनों में उन्हें राहत मिल गई। उन्होंने जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया और कहा कि इस व्यवस्था से अब आमजन की आवाज भी सुनी जा रही है।
जिला प्रशासन की तत्परता से बढ़ा आमजन का भरोसा
अपर समाहर्ता (लोक शिकायत) सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सिवान ने बताया कि कार्यालय जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेकर निर्धारित समयसीमा के भीतर निष्पादन सुनिश्चित कर रहा है। श्री ब्रह्मा प्रसाद का मामला इसका बेहतरीन उदाहरण है।