Shravani Mela: श्रावणी मेले में पीएचईडी की खुली पोल: 15 दिन में उजड़ा शौचालय, पत्रकारों से बदतमीजी पर उतरे जेई

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संग्रामपुर में कच्ची कांवरिया पथ पर बना शौचालय 15 दिन में जर्जर, नहर में गिर रहा गंदा पानी;

सवाल उठाने पर भड़के अधिकारी, पत्रकारों को दी गालियां

कांवरिया पथ से संतोष सहाय, संग्रामपुरl मुंगेर
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में लाखों कांवरियों की सेवा के लिए प्रशासन महीनों पहले से तैयारियों में जुट जाता है। खासकर पीएचईडी विभाग की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है, क्योंकि उसे शौचालय, स्नान व पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करानी होती हैं। लेकिन इस बार विभाग की लापरवाही मेला शुरू होते ही उजागर होने लगी है। https://youtube.com/shorts/pcSgaQlLBjU?si=zXqTXIdybJKd-DKi

संग्रामपुर प्रखंड अंतर्गत कच्ची कांवरिया मार्ग में मनिया और खैरा के बीच पीएचईडी द्वारा निर्मित एक शौचालय महज 15 दिनों में ही जर्जर हो गया है। शौचालय का दरवाज़ा टूट चुका है, वहीं पाइप फट जाने के कारण गंदा पानी सीधे बगल की नहर में गिर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे न सिर्फ दुर्गंध फैल रही है बल्कि गंभीर बीमारियों का भी खतरा उत्पन्न हो गया है।

स्थानीय पत्रकारों द्वारा जब इस लापरवाही की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई, तो संबंधित विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) दिनेश यादव तैश में आ गए। आरोप है कि उन्होंने पत्रकारों को फोन कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया और धमकी भरे लहजे में बात की। इससे मीडिया जगत में नाराजगी का माहौल है।

शौचालय की हालत देखकर साफ है कि निर्माण की गुणवत्ता बेहद खराब रही। जिस ढांचे की रंगाई-पुताई तक पूरी नहीं हुई थी, उसका गेट उखड़ जाना और पाइप का फटना पीएचईडी के कार्यों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। कांवरियों की सुविधा के नाम पर जो राशि खर्च की गई, उसका हिसाब अब जवाब मांग रहा है।

मीडिया द्वारा संपर्क करने की कोशिश में कार्यपालक अभियंता अभिषेक रंजन और जेई दिनेश यादव से बात नहीं हो सकी। हालांकि अनुमंडल अभियंता तपेश्वर सासी ने स्वीकारा कि जिम्मेदार जेई को सभी समस्याओं का त्वरित निष्पादन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जेई द्वारा बदतमीजी या लापरवाही की गई है, तो इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

श्रावणी मेले जैसे विश्व प्रसिद्ध आयोजन में इस तरह की लापरवाही न सिर्फ विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाती है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ है। प्रशासन से अब यह अपेक्षा की जा रही है कि दोषी अधिकारियों और ठेकेदार पर जल्द कार्रवाई की जाए।

 

 

 

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