भगवान पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक महोत्सव श्रद्धा व भक्ति से मनाया गया
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
आरा | ओ.पी. पांडेय
श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर, महाजन टोली नंबर 2 में सोमवार को भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक महोत्सव का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया। इस अवसर पर परम पूज्य मुनि श्री 108 विशल्य सागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में विविध धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए।
सुबह पंचामृत अभिषेक, विशेष पूजन, मंगल आरती, शांतिधारा और निर्वाण लाडू समर्पण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। शांतिधारा का सौभाग्य डॉ. श्वेता-भावेश जैन परिवार को प्राप्त हुआ, वहीं प्रथम निर्वाण लाडू समर्पण का पुण्य डॉ. सी.पी.-आदित्य विजय जैन परिवार को मिला। मुनिश्री का पाद प्रक्षालन रेशु-आकाश जैन द्वारा तथा शास्त्र भेंट मंजुला-आदेश जैन द्वारा किया गया।
सहनशीलता और उत्साह से मिलता है मोक्ष : मुनिश्री
अपने प्रवचन में मुनिश्री विशल्य सागर जी ने भगवान पार्श्वनाथ के तप और त्याग को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने कठोर तपस्या के दौरान अनेक उपसर्गों का धैर्य, सहनशीलता और विवेक से सामना किया और अंततः मोक्ष की प्राप्ति की। मुनिश्री ने जीवन में सहनशीलता और उत्साह को सफलता की कुंजी बताया।

सम्मेद शिखरजी को बताया मोक्ष भूमि
मीडिया प्रभारी निलेश कुमार जैन ने जानकारी दी कि भगवान पार्श्वनाथ सहित 20 तीर्थंकरों ने झारखंड स्थित श्री सम्मेद शिखरजी पर्वत पर मोक्ष प्राप्त किया। इसी कारण यह पर्वत जैन धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। उन्होंने बताया कि आज के पावन दिन को लेकर दुनियाभर के श्रद्धालु निर्वाण लाडू समर्पण व विधान कर पुण्य अर्जित करते हैं।
सजाया गया मंदिर परिसर, हुआ विधान आयोजन
मंदिर परिसर को मधु-विमलेश जैन परिवार द्वारा भव्य रूप से सजाया गया था। दोपहर में श्री पार्श्वनाथ विधान का आयोजन श्री दिगंबर जैन चंद्रप्रभु मंदिर में हुआ, जिसके पुण्यार्जक शील जैन, छवि-अंशु जैन परिवार रहे। आयोजन के अंत में सभी श्रद्धालुओं के लिए अल्पाहार और प्रसाद की व्यवस्था की गई थी।
समाज की सक्रिय भागीदारी
इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में संयोजक आकाश जैन और सह संयोजक अजय जैन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम में डॉ. आदित्य विजय जैन, डॉ. शशांक जैन, अजीत कुमार जैन, कमल कुमार जैन, ऋषभ चंद्र जैन समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे। महिलाओं में ब्र. सुलोचना दीदी, विनीता जैन, पूनम जैन, जुली जैन, वार्ड पार्षद रेखा जैन सहित दर्जनों महिलाओं की सक्रिय उपस्थिति रही।
महोत्सव में श्रद्धालुओं की सहभागिता ने इसे एक दिव्य और भव्य धार्मिक आयोजन का स्वरूप प्रदान किया।