नेशनल इंश्योरेंस को भुगतना पड़ा लापरवाही का खामियाजा
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
सिवान | विधि संवाददाता
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, सिवान को उपभोक्ता आयोग ने बड़ा झटका देते हुए एक बीमित व्यक्ति के दावे के भुगतान का आदेश दिया है। आयोग ने बीमा कंपनी की सेवा में हुई लापरवाही को गंभीर माना और पीड़ित परिवार को मुआवजे के साथ-साथ मानसिक क्षतिपूर्ति भी देने का निर्देश दिया।
बसंतपुर निवासी सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने अपने पिता मदन प्रसाद के निधन के बाद बीमा दावा किया था, जिसे बीमा कंपनी ने नकार दिया। मदन प्रसाद की मोटरसाइकिल (नं- BR 01 BK 3726) 22 मार्च 2016 से 21 मार्च 2017 तक बीमित थी। इस अवधि में, 23 जून 2016 को दुर्घटना के बाद उनका निधन पीएमसीएच पटना में इलाज के दौरान हो गया।
वादी द्वारा समय पर सूचना दिए जाने और सभी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के बावजूद कंपनी ने न तो मृत्युदावा स्वीकृत किया और न ही मरम्मती खर्च। इसे उपभोक्ता आयोग ने सेवा में कमी माना।
आयोग ने सुनाया कड़ा आदेश
अध्यक्ष जयराम प्रसाद और सदस्य मनमोहन कुमार की पीठ ने पाया कि बीमा अवधि के भीतर दुर्घटना हुई और मृत्यु भी उसी दिन हुई। इसके बावजूद दावे को अस्वीकार करना त्रुटिपूर्ण सेवा है।
आयोग ने कंपनी को आदेश दिया कि 30 दिनों के भीतर वादी से एनओसी लेकर ₹1,00,000 दुर्घटना हितलाभ, ₹2,050 मरम्मती खर्च और ₹15,000 मानसिक-आर्थिक क्षतिपूर्ति समेत कुल ₹1,17,050 की राशि भुगतान करे।
अनदेखी पर होगी दंडात्मक कार्रवाई
निर्धारित समय में भुगतान न होने की स्थिति में 6% वार्षिक ब्याज के साथ राशि अदा करनी होगी। अन्यथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 72 के तहत दंडात्मक वसूली की कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह आदेश उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।