तटवर्ती इलाकों में दहशत, समाजसेवी संभाल रहे मोर्चा, घर छोड़ने को मजबूर हो रहे लोग
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना

बक्सरl धीरज कुमार l गंगा नदी का जलस्तर बक्सर जिले में लगातार बढ़ता जा रहा है। अब यह खतरे के लाल निशान को पार कर चुकी है, जिससे जिले के सभी 32 घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। रामरेखा घाट, गौरी शंकर घाट, पवनी घाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर पानी तेजी से फैल रहा है। घाटों के आसपास बसे लोगों में भय का माहौल है। लोग पल-पल इस डर में जी रहे हैं कि कहीं उनका घर गंगा में समा न जाए। https://youtu.be/Eo1tcateHtg?si=_LTkKcbpvL0LFIbn

शिवपुरी के मठिया मोड़ के पास स्थित मृत नहर में भी पानी का दबाव तेज हो गया है। आसपास की बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गई है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्यों में अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है, जिससे लोग खुद ही व्यवस्था में जुटे हैं।
हालांकि इस संकट की घड़ी में कुछ समाजसेवी संगठन और युवा स्वयंसेवक लोगों की मदद के लिए सामने आए हैं। ये लोग बाढ़ प्रभावित परिवारों को खाने-पीने का सामान, पीने का साफ पानी और अन्य जरूरी चीजें पहुंचा रहे हैं।
इधर, सहायक नदियों और नहरों ने भी विकराल रूप ले लिया है। बक्सर-कोईलवर तटबंध पर कई जगहों पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया है। इससे तटबंध टूटने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों में अफरा-तफरी का माहौल है। लोग घरों से सामान निकालकर ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन की ओर से अलर्ट तो जारी किया गया है, लेकिन राहत शिविरों की संख्या और व्यवस्था बेहद सीमित है। ऐसे में बाढ़ प्रभावित परिवारों की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं।