स्वास्थ्य मंत्री पर फ्लैट खरीद और NOC देने में भ्रष्टाचार का आरोप; एंबुलेंस पेमेंट पर भी उठाए सवाल
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
नालंदा | अविनाश पांडेय
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर सीधा हमला बोला है। नालंदा के हरनौत में बिहार बदलाव जनसभा के बाद PK ने कहा कि मंगल पांडेय ने यह स्वीकार कर लिया कि उन्होंने दिलीप जायसवाल से 25 लाख रुपये लिए। लेकिन उन्होंने बाकी 61 लाख रुपये किससे लिए, इसका जवाब अब तक नहीं दिया। PK ने चेतावनी दी कि अगर सात दिन में जवाब नहीं मिला तो वह खुद खुलासा करेंगे। https://youtu.be/R8mozrprjdQ?si=hZxDbyZ_Nzkme2ud

PK ने सवाल उठाया कि अगर कर्ज लेना था तो मंगल पांडेय ने खुद क्यों नहीं लिया? पिताजी के अकाउंट में पैसा लेकर पत्नी के खाते में क्यों भेजा गया? उन्होंने आरोप लगाया कि यह रकम दिल्ली में 86 लाख रुपये का फ्लैट खरीदने के लिए इस्तेमाल की गई।
NOC और मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर भी हमला
PK ने मंगल पांडेय के इस बयान को झूठा करार दिया कि किशनगंज के एमजीएम मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने में स्वास्थ्य विभाग का कोई रोल नहीं है। उन्होंने कहा, “जब तक स्वास्थ्य विभाग एनओसी नहीं देता, तब तक यूजीसी डीम्ड यूनिवर्सिटी की मान्यता नहीं देती।” PK का आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए मंगल पांडेय ने दिलीप जायसवाल की मदद की और इसके बदले में NOC दी, जिससे एमजीएम कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी की मान्यता मिली।
एंबुलेंस घोटाले पर भी आरोप
PK ने एंबुलेंस खरीद मामले में भी बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2022 में खरीदी गई 450 एंबुलेंस में से लगभग 100 करोड़ रुपये का भुगतान कंपनी को कर दिया गया है। कोर्ट में मामला जाने के कारण बाकी का भुगतान रुका हुआ है। जबकि मंगल पांडेय पहले कह चुके हैं कि एंबुलेंस खरीद में कोई पेमेंट नहीं किया गया।
राजनीति में गर्माहट
मंगल पांडेय और प्रशांत किशोर के बीच आरोप-प्रत्यारोप से बिहार की राजनीति में नई गर्मी आ गई है। PK के लगातार हमलों ने स्वास्थ्य मंत्री को रक्षात्मक स्थिति में ला दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि PK के सात दिन के अल्टीमेटम के बाद क्या नया खुलासा होता है और इस पर मंगल पांडेय की अगली प्रतिक्रिया क्या होगी?