निजी पार्किंग की व्यवस्था नहीं, मरीजों और राहगीरों को हो रही भारी परेशानी; 7 दिन में स्पष्टीकरण नहीं देने पर होगी कार्रवाई
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
सिवान।
सिवान शहर का सबसे संवेदनशील इलाका – हॉस्पिटल रोड – अब ट्रैफिक जाम का नया केंद्र बन चुका है। इस इलाके में संचालित 13 से ज्यादा निजी अस्पताल, क्लिनिक, जांच केंद्र और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर अनुमंडल दंडाधिकारी (SDO) सिवान सदर ने सख्त रुख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सभी संस्थानों से निजी पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने पर जवाब मांगा गया है।
यह कार्रवाई 30 जुलाई 2025 को जारी नोटिस के माध्यम से की गई, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सात दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं देने की स्थिति में भारतीय दंड संहिता और अन्य अधिनियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किसे भेजा गया नोटिस?

SDO द्वारा भेजे गए नोटिस की सूची में कई नामचीन डॉक्टरों और क्लीनिकों के नाम शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:
- डॉ० भानु प्रताप सिंह, नियर सदर अस्पताल
- डॉ० मनोज कुमार, नवजात व शिशु रोग विशेषज्ञ
- डॉ० मुन्तजीर, सुफिया मेमोरियल नर्सिंग होम
- डॉ० उमेश, सामने अखौरी क्लिनिक
- डॉ० उर्मिला अखौरी, अखौरी क्लिनिक
- एस०बी०डी० खुशी हास्पीटल – डॉ० अंशु आर्यन, डॉ० शिखा गुप्ता
- डॉ० अशोक कुमार, पकड़ी मोड़
- डॉ० मधुरेश और अल्का सोनी, स्टार + क्लिनिक
- शंकर लेबोरेट्री, डॉ० उमा शंकर पांडेय
- प्रज्ञा क्लिनिक – डॉ० आर. किरण, डॉ० एच० के साह
- डॉ० रामाजी चौधरी और डॉ० विशाल चौधरी, पकड़ी मोड़
- चन्द्रिका टावर (Connplex Smart Theaters)
- भोजनालय एवं स्वीट्स तथा कृष्णा साइकिल स्टोर
क्या है मुख्य शिकायत?
हॉस्पिटल रोड पर प्रतिदिन सैकड़ों मरीज, तीमारदार और राहगीर आते-जाते हैं। लेकिन यहां संचालित अधिकांश निजी क्लिनिकों और अस्पतालों के पास निजी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, जिससे सड़क किनारे वाहन खड़े कर दिए जाते हैं। इससे न केवल जाम की स्थिति उत्पन्न होती है, बल्कि एम्बुलेंस और इमरजेंसी वाहनों की आवाजाही में भी बाधा आती है।
क्या कहा SDO ने?
अनुमंडल दंडाधिकारी ने नोटिस में स्पष्ट कहा है कि इन सभी प्रतिष्ठानों को 7 दिनों के भीतर जवाब देना होगा कि उन्होंने निजी पार्किंग की सुविधा क्यों नहीं बनाई। यदि संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला, तो संबंधित संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, लाइसेंस रद्दीकरण या यहां तक कि प्रतिष्ठान बंद करने की प्रक्रिया भी शामिल हो सकती है।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
स्थानीय नागरिकों और राहगीरों ने प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से हॉस्पिटल रोड पर अव्यवस्थित ट्रैफिक और बेतरतीब पार्किंग के कारण आए दिन परेशानी होती है। कई बार बीमार मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। अब उम्मीद की जा रही है कि इस कार्यवाही से व्यवस्था सुधरेगी।
आगे क्या?
सभी अस्पतालों और क्लिनिकों को 6 अगस्त 2025 तक अपना स्पष्टीकरण दाखिल करना है। इसके बाद प्रशासन द्वारा समीक्षा कर अगला कदम उठाया जाएगा।
सिवान की सड़कों पर व्यवस्था लाने के लिए यह एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।