बोले- एनडीए में रहकर सरकार की शिकायत करना दोहरा चरित्र
तेज प्रताप की पीली टोपी पर ली चुटकी- पूछा, अब कब हरा पहनेंगे?
जनसभा में कहा- इस बार लालू, नीतीश या मोदी के नाम पर नहीं, अपने बच्चों के भविष्य पर वोट दें
दावा- 50 लाख युवाओं को बिहार में देंगे रोजगार, आखिरी बार छठ पर होगा पलायन
बिहार डेस्क, केएमपी भारत, भागलपुर
लखीसराय। संतोष सहाय
जन सुराज के नेता और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को लखीसराय के सूर्यगढ़ा में जनसभा के दौरान बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर लोजपा नेता चिराग पासवान पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर चिराग को सच में बिहार के हालात की चिंता है, तो उन्हें एनडीए से अलग हो जाना चाहिए।
प्रशांत किशोर ने चिराग के उस बयान को लेकर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि “मुझे दुख है, मैं इस सरकार का हिस्सा हूं।” इस पर पीके ने कहा, “अगर आपको बिहार की कानून-व्यवस्था खराब लगती है तो सरकार का हिस्सा क्यों हैं? जनता को गुमराह मत कीजिए। या तो सरकार में रहिए या फिर उससे अलग होकर जनता की लड़ाई लड़िए।” https://youtu.be/x-xIG2NdveA?si=SUODJN_uiNBjcKM
तेज प्रताप की पीली टोपी पर तंज
पत्रकारों द्वारा तेज प्रताप यादव के पीली टोपी पहनने पर सवाल पूछे जाने पर प्रशांत किशोर ने चुटकी लेते हुए कहा, “जो भी पीली टोपी पहन ले, जरूरी नहीं कि वह जन सुराज में आ जाए। ये तेज प्रताप जी से पूछिए कि कब कौन-सा रंग पहनेंगे।” उन्होंने कहा कि जन सुराज का रंग जरूर पीला है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर पीला रंग जन सुराज का है। “जिसे भी जन सुराज के पीले रंग में रंगना है, रंग जाए,” पीके ने व्यंग्य करते हुए कहा।
जनसभा से दिया बदलाव का संदेश, बोले- इस बार चेहरे नहीं, भविष्य देखिए
प्रशांत किशोर ने जनसभा में लोगों से भावुक अपील की। उन्होंने कहा, “इस बार वोट देने से पहले अपने बच्चों का चेहरा देखिए। यह लालू, नीतीश या मोदी के लिए नहीं, अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट देने का समय है।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर बिहार की जनता जन सुराज को मौका देती है, तो यह बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और आखिरी छठ होगी। इसके बाद यहां के युवाओं को 10-12 हजार की मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
50 लाख युवाओं को रोजगार का दावा
प्रशांत किशोर ने जनसभा में वादा किया कि वे बिहार के 50 लाख युवाओं को राज्य के भीतर ही 10-12 हजार रुपये मासिक की नौकरी दिलाएंगे। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि किसी को भी रोजगार के लिए अपने घर से पलायन न करना पड़े। हम यहीं अवसर पैदा करेंगे।”
चेतावनी: बच्चों के हक लूटने वालों को मत दें वोट
पीके ने जनता से अपील की कि वे उन नेताओं को वोट न दें जिन्होंने उन्हें और उनके बच्चों को ठगा है। उन्होंने कहा, “अब वो समय आ गया है जब चेहरे देखकर नहीं, काम देखकर वोट देना होगा। जो बच्चों की शिक्षा और रोजगार की बात करे, उसे चुनिए। इस बार बिहार में जनता का राज होना चाहिए, नेता का नहीं।”
जनता का दर्द, पीके की पुकार
प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि यह चुनाव न तो जाति का है, न धर्म का और न ही किसी पार्टी या परिवार का। यह चुनाव है बच्चों की पढ़ाई, युवाओं के रोजगार और बिहार की दिशा बदलने का। “अगर इस बार भी हम चेहरों पर भरोसा करते रह गए, तो अगली पीढ़ी भी ऐसे ही पलायन करती रहेगी,”।