सांसद पप्पू यादव ने कहा कि, “यह सिर्फ एक घटना नहीं, यह सिस्टम की असफलता और सूदखोरों की खुलेआम गुंडागर्दी का नतीजा है।
बिहार डेस्क, केएमपी भारत, पटना
बिहारशरीफ। अविनाश पांडेय। नालंदा जिले के बिहोग गांव में उस दर्दनाक घटना के बाद, जब सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर एक पूरे परिवार ने पावापुरी में सामूहिक आत्महत्या कर ली, अब राजनीति और समाजसेवा से जुड़ी संवेदनशील पहल भी सामने आने लगी है। शुक्रवार को पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहोग गांव पहुंचकर मृतक धर्मेंद्र महतो के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की।
बूढ़ी दादी और मासूम को मिला सहारा
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद अब परिवार में सिर्फ एक मासूम बच्चा और उसकी बुजुर्ग दादी ही बचे हैं। सांसद पप्पू यादव ने न सिर्फ संवेदना प्रकट की, बल्कि पीड़ित परिवार को तत्काल ₹50,000 की सहायता राशि दी। साथ ही दादी को ₹10,000 नकद और हर महीने ₹2,500 की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। उन्होंने मासूम की पढ़ाई और परवरिश की पूरी जिम्मेदारी खुद उठाने का भी वादा किया।
“यह सिर्फ आत्महत्या नहीं, सिस्टम की हत्या है”
घटना स्थल पर भावुक होते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा कि, “यह सिर्फ एक घटना नहीं, यह सिस्टम की असफलता और सूदखोरों की खुलेआम गुंडागर्दी का नतीजा है। सरकार, प्रशासन और नेताओं की नाकामी के कारण एक पूरा परिवार खत्म हो गया। नालंदा में यह कैसा राज है, जहां गरीब को जीने नहीं दिया जाता?”
सूदखोरों की धमकी से डरा था मासूम
मासूम बच्चे ने पप्पू यादव को बताया कि सूदखोर रोज घर आकर गाली-गलौज करता था, बहन को अगवा करने की धमकी देता था। इस पर सांसद ने प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि इस बच्चे को ₹10 लाख मुआवजा मिलना चाहिए।
सरकार से नीति निर्माण की मांग
पप्पू यादव ने कहा कि यदि बैंक गरीबों को कर्ज नहीं देंगे तो लोग मजबूरी में सूदखोरों के पास जाएंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाए। उन्होंने सरकार से स्पष्ट नीति बनाने की मांग की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
कई कार्यकर्ता भी रहे मौजूद
इस मौके पर राजू दानवीर समेत मनीष यादव, प्रमोद यादव, गुलशन कुमार, अजीत कुशवाहा, अखिलेश चंद्रवंशी सहित कई नेता और कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।