आज़ादी के 77 साल बाद भी सड़क और नाली से वंचित महादलित बस्ती
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
कैमूर। अजीत कुमार
आज़ादी को सात दशक से ज़्यादा बीत चुके हैं, लेकिन कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड के मोहनड़ड़वा महादलित बस्ती की तस्वीर अब तक नहीं बदली है। सड़क और नाली जैसी बुनियादी सुविधाएं यहां आज भी दूर की कौड़ी बनी हुई हैं। बस्ती का हाल जानने गुरुवार को जिला परिषद सदस्य और बसपा नेता विकास सिंह उर्फ़ लल्लू पटेल खुद मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं।
“गांव की हालत बेहद जर्जर”
विकास सिंह ने निरीक्षण के दौरान कहा कि महादलित बस्ती के लोग पूरी तरह उपेक्षा के शिकार हैं। आज़ादी से अब तक न तो यहां सड़क बनी है और न ही नाली। हालात इतने खराब हैं कि बरसात में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि अपने जिला परिषद निधि से गांव में सार्वजनिक चबूतरा बनवाया गया है और गरीब परिवारों तक विकास पहुंचाने की कोशिश की गई है। आगे भी प्रयास रहेगा कि इस बस्ती को मूलभूत सुविधाएं दिलाई जाएं।
महिलाओं ने सुनाई पीड़ा
निरीक्षण के दौरान ग्रामीण महिलाओं ने भी अपनी फरियाद रखी। उन्होंने कहा कि सड़क और नाली जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से रोज़मर्रा की ज़िंदगी मुश्किल हो गई है। महिलाएं सरकार से मांग कर रही हैं कि जल्द से जल्द सड़क और नाली का निर्माण कराया जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई से लेकर रोज़मर्रा का आवागमन सुगम हो सके।
“अबकी बार बदलाव ज़रूरी”
ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने तो आते हैं, लेकिन काम कोई नहीं करता। इस बार वे चाहते हैं कि उनकी आवाज़ सत्ता तक पहुंचे और गांव की तस्वीर बदले। वहीं, विकास सिंह ने आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को ज़िला प्रशासन के साथ-साथ उच्च स्तर पर भी उठाएंगे, ताकि लंबे समय से उपेक्षित इस बस्ती को विकास की राह पर लाया जा सके।