गीत-संगीत व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी महफिल
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा। विकास कुमार । सावन की हरियाली और भक्ति के बीच सर्व नारायण सिंह राम कुमार सिंह महाविद्यालय (एमएनएस कॉलेज) में शनिवार को सावन महोत्सव की धूम रही। कॉलेज की महिला प्राध्यापिकाओं ने पारंपरिक परिधान में सज-धज कर पूरे उत्साह और आस्था के साथ त्योहार को मनाया। इस मौके पर गीत-संगीत, उपदेश और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की रंगीन छटा बिखरी।
कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. अशोक कुमार सिंह के उद्घाटन संबोधन से हुई। उन्होंने सावन माह की धार्मिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महीना भगवान शिव की आराधना और साधना का होता है। उन्होंने कहा कि सावन में भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं, इसलिए इस महीने विवाह आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते।
सावन के गीतों और विचारों से सजी महफिल
डॉ. लीना ने सावन की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि यह सिर्फ उपासना का ही नहीं बल्कि दान-पुण्य और सहयोग का महीना भी है। उन्होंने “सावन सुना गीत रहल अछी” गीत प्रस्तुत कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
डॉ. सुमन स्वराज ने उपवास के महत्व और संतुलित आहार की सलाह दी, वहीं डॉ. गौरी ने शिव-पार्वती की पूजा का सांस्कृतिक पक्ष बताया।
पारंपरिक श्रृंगार और सांस्कृतिक उत्सव का संगम
डॉ. इंदु कुमारी ने महिलाओं के श्रृंगार जैसे साड़ी, मेहंदी, चूड़ी की परंपरा को संस्कृति से जोड़ा। डॉ. प्रीति ने कहा कि शिवजी की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
डॉ. सैय्यद रबाब फातिमा ने महोत्सव में भागीदारी को रोमांचकारी बताया। डॉ. रचिता और डॉ. गायत्री ने सावन की उमंग, झूला और कांवर यात्रा की परंपरा पर बात रखी।
समाज और संस्कृति से जोड़ने वाला पर्व
डॉ. प्रेमलता ने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि सामाजिक संबंधों को भी मजबूती देते हैं।
कार्यक्रम में कॉलेज के अनेक प्राध्यापक व कर्मचारी उपस्थित रहे जिनमें डॉ. खुशबू कुमारी, डॉ. ज़ीनत अफसा, डॉ. ममता कुमारी, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. अनिरुद्ध कुंवर समेत कई लोग शामिल रहे।
पूरे आयोजन ने सावन के पावन महीने को संजीवता प्रदान की और कॉलेज परिसर में भक्ति, उल्लास और सौहार्द्र का वातावरण बना रहा।