जिला प्रशासन व चुनाव आयोग को भेजा आदेश, नजमुन निशा बनी रहेंगी पद पर
सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा | विकास कुमार
सौरबाजार प्रखंड प्रमुख नजमुन निशा के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव अब अमान्य हो गया है। न्यायालय ने गुरुवार को प्रस्ताव पर स्थगन आदेश जारी करते हुए प्रमुख को उनके पद पर बने रहने की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले निर्धारित सात दिन का नोटिस नहीं दिया गया, इसलिए यह कार्यवाही विधि सम्मत नहीं मानी जा सकती।
न्यायालय ने 26 अगस्त और 2 सितंबर को हुई कार्यवाही पर भी रोक लगाई। आदेश में प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) और चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया कि प्रमुख के खिलाफ आगे कोई कदम फिलहाल न उठाया जाए।
प्रखंड प्रमुख पति नूर आलम ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “न्यायालय का निर्णय हमारे पक्ष में आया है। हमने जिला प्रशासन से भी आग्रह किया था कि नियमों के मुताबिक कार्यवाही की जाए। अदालत ने साफ कहा कि प्रस्ताव में नोटिस की अवधि छह दिन थी, जबकि कानून के अनुसार सात दिन अनिवार्य है, इसलिए यह प्रस्ताव अवैध है।”
उन्होंने आगे बताया कि सरकार के वकील से परामर्श लेकर आगे की कार्यवाही रोकने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए प्रमुख के पद को बरकरार रखने का आदेश दिया। अब नजमुन निशा प्रखंड प्रमुख के रूप में काम करती रहेंगी और अविश्वास प्रस्ताव पर आगे सुनवाई तक रोक रहेगी।