बिना लाइसेंस और गलत ऑपरेशन से बिगड़ी थी महिला मरीज की हालत
बिहार डेस्क, केएमपी भारत, मुजफ्फरपुर
सीतामढ़ी से भोला खान की रिपोर्ट l
जिले में अवैध रूप से चल रहे क्लिनिकों पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा कसता जा रहा है। मंगलवार को डीएम के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सदर अस्पताल गेट के समीप संचालित गणपति क्लिनिक पर छापेमारी की और इसे सील कर दिया। यह कार्रवाई एक महिला मरीज के जीवन से खिलवाड़ की शिकायत के बाद की गई। https://youtu.be/0Dyc2vIwOlI?si=8DWtWGlp-ti4CCHP
गलत ऑपरेशन से बिगड़ी महिला की हालत, DM से की गई थी शिकायत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बथनाहा की आशा कार्यकर्ता रंजीता कुमारी ने एक महिला मरीज को सदर अस्पताल से बहला-फुसलाकर गणपति क्लिनिक पहुंचाया था। वहां बिना किसी वैध अनुमति और योग्य डॉक्टर के ऑपरेशन किया गया, जिससे महिला की हालत गंभीर हो गई। बाद में उसे एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
मौके पर बंद मिला क्लिनिक, संचालक रातों-रात हुआ फरार
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एसएमओ डॉ. जेड जावेद, डुमरा पीएचसी प्रभारी डॉ. अक्षय कुमार और नोडल पदाधिकारी सुनील सिन्हा के नेतृत्व में एक टीम गठित की। जब टीम मंगलवार को मौके पर पहुंची, तो पाया कि क्लिनिक पूरी तरह बंद है। जानकारी मिली कि संचालक सोमवार रात को ही बेड, दवाइयां और अन्य जरूरी उपकरण समेटकर फरार हो गया।
नगर थाना की मौजूदगी में क्लिनिक सील, संचालक पर होगी कार्रवाई
टीम ने संचालक और स्टाफ के लौटने का लंबा इंतजार किया, लेकिन कोई नहीं आया। इसके बाद नगर थाना की पुलिस की उपस्थिति में क्लिनिक को सील कर दिया गया। एसएमओ डॉ. जेड जावेद ने स्पष्ट किया कि बिना लाइसेंस और अयोग्य डॉक्टरों के जरिए इलाज करना कानूनन अपराध है और इस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
500 मीटर के दायरे में संचालित सभी अवैध क्लिनिक होंगे चिन्हित
नोडल पदाधिकारी सुनील सिन्हा ने बताया कि सदर अस्पताल के 500 मीटर के दायरे में जितने भी अवैध क्लिनिक संचालित हो रहे हैं, उनकी पहचान कर शीघ्र ही उन्हें भी सील किया जाएगा। विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर ऐसे सभी अवैध संस्थानों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग की सख्ती से मचा हड़कंप, अन्य क्लिनिकों में हलचल
स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से जिले के अन्य अवैध क्लिनिक संचालकों में भी हड़कंप मच गया है। कई जगहों पर क्लिनिक बंद कर दिए गए हैं और संचालक गायब हो गए हैं। अब देखना यह है कि विभाग की यह मुहिम जिले में फर्जी इलाज के खिलाफ कितनी कारगर साबित होती है।
जिला प्रशासन की अपील: इलाज के लिए केवल लाइसेंस प्राप्त और रजिस्टर्ड क्लिनिक/अस्पताल का ही करें चयन।