रिकवरी एजेंटों ने गाली-गलौज और धमकी दी, कहा—“बैंक चलो नहीं तो उठवा लेंगे”
केएमपी भारत। गुठनी (सिवान)
गुठनी थाना क्षेत्र के मिश्रौली गांव में शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। निजी बैंक के रिकवरी एजेंटों की कथित प्रताड़ना और धमकी से परेशान एक 35 वर्षीय महिला ने आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान मुकेश राम की पत्नी सुशीला देवी के रूप में हुई है। महिला के दो छोटे बच्चे हैं, जो मां की लाश के पास रोते मिले।
“पति बाहर हैं, शाम को पैसा दे देंगे”— नहीं मानी एजेंटों की टीम

परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, शनिवार सुबह तीन की संख्या में रिकवरी एजेंट महिला के घर पहुंचे और कर्ज की वसूली को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। महिला ने स्पष्ट कहा कि उसके पति बाहर काम करने गए हैं और शाम को आने पर पैसे दे दिए जाएंगे, लेकिन एजेंटों ने उसकी एक नहीं सुनी।

“गाली दी, धमकाया और उठाकर ले जाने की दी चेतावनी”
प्रत्यक्षदर्शियों और परिजनों के अनुसार, एजेंटों ने महिला को गालियां दीं, धमकाया और यह तक कह दिया कि “अगर पैसे नहीं दिए तो उठाकर बैंक ले चलेंगे।” इससे आहत होकर महिला ने अंदर जाकर खुद को कमरे में बंद कर लिया और पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।
बच्चों के रोने की आवाज सुन परिजन पहुंचे कमरे में
महिला के आत्महत्या करने के बाद कमरे से छोटे बच्चों के रोने की आवाज सुनकर परिजन पहुंचे और दरवाजा तोड़कर अंदर गए। वहां उन्होंने सुशीला देवी को पंखे से लटका पाया। इस हृदय विदारक दृश्य को देखकर पूरे गांव में मातम पसर गया।
पुलिस और पंचायत प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे, एफएसएल टीम कर रही जांच

घटना की सूचना पर गुठनी थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, एएसआई रंजीत कुमार, मुखिया नवमीलाल और सरपंच खुर्शीद अंसारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि घटनास्थल की जांच के लिए एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) टीम को बुलाया गया है। आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
परिजनों की मांग—बैंक और एजेंटों पर हो हत्या का मुकदमा

शोकाकुल परिजनों और ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले में बैंक और उसके रिकवरी एजेंटों को हत्या का दोषी मानते हुए कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से महिला को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, वह अमानवीय और गैरकानूनी है।
पुलिस का बयान
“घटना की जांच गंभीरता से की जा रही है। एफएसएल टीम को बुलाया गया है। आवेदन के आधार पर दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।”
— धर्मेंद्र कुमार, थानाध्यक्ष, गुठनी
ग्रामीणों में आक्रोश, बैंकों की वसूली नीति पर उठे सवाल
इस घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश है। लोग कह रहे हैं कि बैंक एजेंटों द्वारा कर्ज वसूली के नाम पर मानसिक उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।