Siwan DAMCH: आयुर्वेद पेशा नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है : जेपी विवि कुलपति

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दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज में 7 दिवसीय व्यक्तित्व विकास वर्ग का समापन, 6 कॉलेजों के 61 प्रतिभागियों को मिला प्रमाण पत्र

स्टेट डेस्क, केएमपी भारत, पटना

सिवान | विश्व आयुर्वेद परिषद बिहार इकाई द्वारा आयोजित सात दिवसीय व्यक्तित्व विकास वर्ग का समापन शनिवार को दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, सिवान के प्रांगण में भव्य समारोह के साथ हुआ। इस अवसर पर जेपी विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो. प्रमेन्द्र कुमार बाजपेयी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। कॉलेज पहुंचने पर उनका पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर भव्य स्वागत किया गया।

भगवान धन्वंतरि की पूजा से हुआ शुभारंभ

समापन समारोह का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर विश्व आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैद्य शिवादित्य ठाकुर, प्रांत संरक्षक डॉ प्रजापति त्रिपाठी, प्रांत महासचिव व कॉलेज प्राचार्य डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी और कॉलेज सचिव डॉ रामानन्द पांडेय समेत कई विशिष्ट अतिथि मंच पर उपस्थित रहे।

डॉ डी.एन. मिश्रा ने संस्कार आधारित विकास पर दिया व्याख्यान

व्यक्तित्व विकास वर्ग के प्रथम सत्र में लखनऊ आयुर्वेदिक कॉलेज के बाल रोग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ डी एन मिश्रा ने “संस्कार और व्यक्तित्व” विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में वर्णित संस्कारों से किस प्रकार एक बालक के व्यक्तित्व को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है।

कुलपति ने दिया सुझाव — “आयुर्वेद को अनिवार्य विषय बनाया जाए”

मुख्य अतिथि प्रो. प्रमेन्द्र कुमार बाजपेयी ने अपने संबोधन में कहा कि “आयुर्वेद कोई व्यवसाय नहीं, बल्कि यह संपूर्ण जीवन जीने की एक वैज्ञानिक पद्धति है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यालयों में अन्य विषयों की भांति आयुर्वेद को भी अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाने की योजना बनाई जानी चाहिए।

6 कॉलेजों के 61 विद्यार्थियों को मिला प्रमाण पत्र

इस कार्यक्रम में बिहार के छह आयुर्वेदिक महाविद्यालयों से आए 61 विद्यार्थियों ने भाग लिया। समापन समारोह में कुलपति समेत मंचासीन अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

पूर्व प्राचार्य व प्राचार्य ने दी शुभकामनाएं

पूर्व प्राचार्य डॉ प्रजापति त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
वहीं प्राचार्य डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने कहा कि “यह वर्ग केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला अवसर है।”
उन्होंने सभी सहयोगी कर्मियों और छात्रों को सम्मानित भी किया।

कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञ और चिकित्सक रहे उपस्थित

इस अवसर पर डॉ राजा प्रसाद, डॉ उपेंद्र पर्वत, वैद्य अंकेश मिश्रा, डॉ पुष्कर राय, डॉ राजीव रंजन, डॉ सुजीत, डॉ जितेंद्र कुमार यादव, डॉ प्रकाश सिंह समेत अन्य आयुर्वेदिक विशेषज्ञ एवं सभी प्रतिभागी छात्र उपस्थित रहे।

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