Betia-Child Rescue: 2 साल के मासूम की जान बचाने में कामयाब जीएमसीएच के डॉक्टर, नाक में घुसा हसुआ, मौत से जंग जीतकर लौटा घर

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बेतिया में दर्दनाक हादसा, योगापट्टी के बालक का 3 घंटे चला ऑपरेशन,
डॉ. शशांक गौरव की टीम ने किया कमाल


सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l मुजफ्फरपुर

बेतिया (पश्चिम चंपारण l अजय शर्मा

बेतिया से एक ऐसी खबर आई है जो न सिर्फ चौंकाने वाली है बल्कि इंसानियत और डॉक्टरों की काबिलियत का बेहतरीन उदाहरण भी पेश करती है। पश्चिम चंपारण जिले के योगापट्टी प्रखंड के नरेश यादव के दो वर्षीय पुत्र अभिनंदन कुमार खेलते-खेलते एक गंभीर हादसे का शिकार हो गया। खेतों में इस्तेमाल होने वाला घास काटने का धारदार हसुआ उसके नाक और मुंह के बीच जा घुसा। नन्हा बच्चा दर्द से कराह उठा, और परिजनों के होश उड़ गए।

गंभीर हालत में परिवार ने तुरंत बच्चे को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच), बेतिया पहुंचाया। यहां पर डॉ. शशांक गौरव के नेतृत्व में बनाई गई एक विशेष सर्जिकल टीम ने बिना वक्त गंवाए ऑपरेशन शुरू किया। डॉक्टरों के मुताबिक केस बेहद जटिल था, जरा सी चूक बच्चे की जान ले सकती थी। करीब तीन घंटे चली सर्जरी के बाद टीम ने मासूम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

डॉ. शशांक गौरव ने बताया, “जैसे ही केस की सूचना मिली, टीम को तुरंत अलर्ट किया गया। ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण था लेकिन सभी ने मिलकर अपनी पूरी कोशिश की। भगवान का आशीर्वाद और टीमवर्क के कारण बच्चा अब पूरी तरह सुरक्षित है।”

माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने कहा, “हम डर गए थे, लगा था कि अब कुछ नहीं बचा… लेकिन जीएमसीएच के डॉक्टरों ने हमारे बच्चे को नई जिंदगी दे दी।”

जीएमसीएच बेतिया की इस सफलता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि मजबूत इरादा और सही समय पर चिकित्सा, किसी भी मुश्किल हालात को मात दे सकती है। जहां अक्सर सरकारी अस्पतालों पर सवाल उठते हैं, वहीं यह उपलब्धि उन तमाम आलोचनाओं का करारा जवाब है।

 

 

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