Library Crisis: सीवान जिला पुस्तकालय के बदहाल हालात पर फूटा गुस्सा, 15 अगस्त के बाद धरना

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बचाओ संघर्ष समिति की बैठक में राज्य स्तरीय आंदोलन का ऐलान

बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना

सीवान | कृष्ण मुरारी पांडेय

शहर के रामदेव नगर स्थित अधिवक्ता जगदीश प्रसाद सिंह के आवास पर मंगलवार को ‘बचाओ संघर्ष समिति’ की बैठक हुई। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. हारून शैलेंद्र ने की। बैठक में जिला केंद्रीय पुस्तकालय और सूचना केंद्र की बदहाली पर गहरी चिंता जताई गई।

बैठक में बताया गया कि स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा से 1929 में डॉ. राममनोहर लोहिया के शिष्य, व्यवसायी काली प्रसाद झुनझुनवाला ने इस पुस्तकालय की स्थापना की थी। 1975 में इसे जिला पुस्तकालय का दर्जा मिला और संचालन प्रबंध समिति के जरिए किया जाने लगा। समिति के संयोजक युगल किशोर दुबे ने कहा कि 2020 में सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष की नियुक्ति हुई, लेकिन निदेशक पुस्तकालय, बिहार, पटना के पास अनुमोदन फाइल अब तक लंबित है।

लाइब्रेरियन के अवकाश ग्रहण करने के बाद सेवा विस्तार का अनुरोध भी अटका पड़ा है, क्योंकि प्रबंध समिति के गठन की फाइल ही गायब कर दी गई है। ऐसे में पुस्तकालय पर ताला लगने की नौबत है। प्रो. उपेंद्र नाथ यादव ने कहा— बिहार में 4000 ग्रामीण व एक दर्जन सार्वजनिक पुस्तकालय बंद हैं और कई पर अवैध कब्जा है।

साहित्यकार मार्कंडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और अधिकारियों को बार-बार पत्र देने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरन 15 अगस्त के बाद समाहर्ता कार्यालय के सामने धरना और पटना में राज्य स्तरीय कन्वेंशन करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में इंजीनियर रमेश कुमार, कन्हैया प्रसाद यादव, मोहम्मद आसिफ, पंकज कुमार, डॉ. एहतेशाम अहमद (प्रवक्ता), शशि भूषण गुप्ता, डॉ. रामचंद्र चौधरी, द्वारिका प्रसाद राम, डॉ. संदीप कुमार यादव, कल्याण जी, रविंद्र सिंह, सरफराज अहमद आदि मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश प्रसाद सिंह ने किया।

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