सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l पटना
कैमूर। अजीत कुमार
जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा एक और परिवार को भुगतना पड़ा। बुधवार को मोहनिया नगर के दुर्गावती सर्विस रोड स्थित मां मुंडेश्वरी हॉस्पिटल में गर्भवती महिला की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने आक्रोश में आकर सड़क जाम कर दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फर्जी तरीके से चल रहे इस अस्पताल को सील कर दिया।
ऑपरेशन के बाद बिगड़ी महिला की हालत
मृतका की पहचान मोहनिया थाना क्षेत्र के कौड़ीराम गांव निवासी चंदन सिंह की पत्नी श्वेता सिंह के रूप में हुई है। परिजनों के मुताबिक, श्वेता गर्भवती थी और मंगलवार रात अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए मां मुंडेश्वरी हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां डॉक्टर ने बताया कि बच्चा उल्टा है और रिपोर्ट भी गलत है। परिजनों ने जब दूसरे अस्पताल ले जाने की बात कही तो डॉक्टर ने खुद ही ऑपरेशन कर दिया। बच्चे को बाहर निकालने के बाद महिला को टांका दिया गया। इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई और रात में धीरे-धीरे उसका पल्स गिरने लगा।

स्टाफ फरार, पति ने बताया पूरी कहानी
पति चंदन सिंह ने बताया कि रातभर वह पत्नी की देखभाल करता रहा। तड़के तीन बजे चाय पीने गया और लौटकर देखा तो अस्पताल का पूरा स्टाफ फरार था। पत्नी की हालत देखकर उसे अंदेशा हुआ कि उसकी मौत हो चुकी है। इसके बाद उसने पुलिस और परिजनों को सूचना दी।
सड़क जाम, फर्जी डॉक्टर फरार
महिला की मौत की खबर फैलते ही परिजन और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने दुर्गावती सर्विस रोड को जाम कर दिया। वहीं, फर्जी अस्पताल का डॉक्टर और स्टाफ मौके से फरार हो गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मोहनिया अंचलाधिकारी पुष्पलता कुमारी बतौर मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचीं और पुलिस ने भीड़ को समझाकर शांत कराया।
विधायक बोलीं- सभी फर्जी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलने पर मोहनिया विधायक संगीता कुमारी भी अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने कहा कि जिले में चल रहे सभी फर्जी अस्पतालों की सूची मंगाई गई है। प्रशासन हर स्तर पर जांच करेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
सिविल सर्जन की अपील
कैमूर सिविल सर्जन डॉ. चंदेश्वरी रजक ने बताया कि यह मामला फर्जी डॉक्टर की लापरवाही से जुड़ा है। अस्पताल को सील कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि इलाज के लिए मान्यता प्राप्त सरकारी अस्पतालों और 102 एंबुलेंस सेवा का ही सहारा लें, ताकि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों से लोगों की जान न जाए।