सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
लखीसराय | संवाददाता
राष्ट्रीय लोक अदालत के नाम पर यूको बैंक द्वारा मृतक ऋणधारी की विधवा को कथित फर्जी नोटिस भेजकर दबाव बनाने का मामला सामने आया है। पीरीबाजार निवासी दिवंगत किसान दीपक कुमार की पत्नी कुमकुम देवी ने आरोप लगाया कि बैंक अधिकारियों ने उन्हें अदालत और जेल की धमकी देकर भुगतान करने को मजबूर करने की कोशिश की।

नोटिस पर न हस्ताक्षर, न मुहर, न केस नंबर
कुमकुम देवी के मुताबिक, उन्हें जो नोटिस मिला, उस पर न तो किसी अधिकृत अधिकारी का हस्ताक्षर था, न ही मुहर या केस नंबर। जांच में पता चला कि नोटिस किसी अदालत या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) से जारी नहीं हुआ था। यह पूरी तरह फर्जी व भ्रामक प्रतीत होता है।
दबंगों के साथ पहुंचते बैंक कर्मचारी
विधवा ने बताया कि उनके स्वर्गीय पति ने कृषि कार्य के लिए केसीसी (KCC) लोन लिया था, जिसकी उन्हें पूरी जानकारी नहीं थी। वर्तमान में उनका बेटा नाबालिग है और घर में कोई स्थायी आय का साधन नहीं है। इसके बावजूद बैंक अधिकारी स्थानीय दबंगों के साथ घर पहुंचकर अभद्रता करते हैं और अदालत में घसीटने व जेल भेजने की धमकी देते हैं।
तीज पर न्याय की तलाश में भटकीं कुमकुम
तीज जैसे पावन अवसर पर, जब महिलाएं अपने परिवार की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं, कुमकुम देवी दिनभर न्यायालय के चक्कर काटने को मजबूर रहीं। उन्होंने कहा कि किसी अधिकारी ने उनकी व्यथा सुनने की कोशिश तक नहीं की। निराश होकर उन्हें लौटना पड़ा।
उच्चस्तरीय जांच और कानूनी संरक्षण की मांग
कुमकुम देवी ने जिला प्रशासन और DLSA से गुहार लगाई है कि यूको बैंक द्वारा भेजे गए फर्जी नोटिस की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों और असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई हो। साथ ही, मृतक किसान की विधवा और उनके नाबालिग पुत्र को कानूनी संरक्षण व आर्थिक सहायता दी जाए, ताकि वे भयमुक्त जीवन जी सकें।