बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
सिवान | विधि संवाददाता। मैरवा निवासी सुधीर कुमार जायसवाल की शिकायत पर जिला उपभोक्ता आयोग ने रिलायंस निप्पोन बीमा कंपनी के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। आयोग ने कंपनी को आदेश दिया कि वह शिकायतकर्ता को ₹6,38,550 की परिपक्वता राशि 6% वार्षिक ब्याज के साथ एक माह के भीतर अदा करे।
पॉलिसी बिना अनुमति के सरेंडर
सुधीर कुमार ने आयोग को बताया कि वे दिव्यांग हैं और नियमित रूप से पॉलिसी की किश्तें भरते रहे। इसके बावजूद बीमा कंपनी ने उनकी अनुमति के बिना पॉलिसी सरेंडर कर दी। शिकायतकर्ता ने कई बार कंपनी से समाधान की मांग की, परन्तु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
आयोग ने माना सेवा में गंभीर त्रुटि
मामले की सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष जयराम प्रसाद और सदस्य मन मोहन कुमार ने उपलब्ध दस्तावेजों और साक्ष्यों का विश्लेषण किया। आयोग ने पाया कि कंपनी की ओर से सेवा में गंभीर लापरवाही हुई और इसे अनुचित व्यापार प्रथा भी करार दिया।
ब्याज व मुआवजे के साथ भुगतान का आदेश
आयोग ने कंपनी को परिपक्वता राशि के अलावा ₹20,000 मानसिक, आर्थिक और शारीरिक क्षति के लिए तथा ₹5,000 विधिक व्यय के रूप में चुकाने का निर्देश दिया। आदेश में स्पष्ट किया गया कि निर्धारित समय में भुगतान नहीं होने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 72 के तहत इजराय प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
यह फैसला उपभोक्ताओं को राहत देने और बीमा कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।