अभिलेख नहीं दिखाने पर निगम कर्मियों पर शक, जेम पोर्टल से हो रही छानबीन
सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा। विकाश कुमार
सहरसा नगर निगम एक बार फिर सुर्खियों में है। नगर विकास एवं आवास विभाग के चार सदस्यीय उड़नदस्ता प्रकोष्ठ की टीम ने गुरुवार को निगम कार्यालय पहुंचकर करीब 70 से 80 करोड़ रुपये के गबन के आरोपों की जांच शुरू की।
अध्यक्षता कर रहे अधीक्षण अभियंता हरेंद्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि यह मामला तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त अनुभूति श्रीवास्तव के कार्यकाल से जुड़ा है। उस समय जेम पोर्टल के माध्यम से विभिन्न सामग्रियों की खरीद की गई थी। शिकायत के आधार पर परिवाद दर्ज होने के बाद विभाग ने टीम गठित कर दस्तावेजों की जांच का निर्देश दिया।
जांच के दौरान टीम ने नगर निगम के कर्मियों से खरीद से जुड़े अभिलेख उपलब्ध कराने को कहा, लेकिन कर्मचारियों ने कोई भी रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किया। अधिकारियों ने संकेत दिए कि रिकॉर्ड छिपाए जाने या गड़बड़ी को लेकर संदेह बढ़ गया है।
टीम ने जेम पोर्टल के यूजर आईडी से प्रारंभिक स्तर पर जानकारी खंगालनी शुरू कर दी है। जांच अधिकारी उपाध्याय ने कहा कि अभिलेख मिलने के बाद ही पूरे घोटाले का सटीक आकलन हो सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जांच में सहयोग नहीं मिला, तो संबंधित कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम में वित्तीय अनियमितताएं लंबे समय से चर्चा में हैं। 70-80 करोड़ रुपये का यह कथित गबन मामला सामने आने के बाद शहर में हड़कंप मचा हुआ है। जांच पूरी होने पर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।