बिहार न्यूज़ डेस्क l केएमपी भारत न्यूज़ l पटना
आरा | संवाददाता – ओम प्रकाश पांडेय
भोजपुर जिले के आरा शहर में शुक्रवार सुबह हुए दोहरे हत्याकांड ने पूरे इलाके को दहला दिया। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बेलघाट गांव में अपराधियों ने पिता-पुत्र को बेरहमी से गोली मार दी और फरार हो गए। इस वारदात ने न सिर्फ स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना दिया, बल्कि चुनावी मौसम में प्रशासन की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुबह-सुबह दो लाशें देखकर गांव में मचा हड़कंप
जानकारी के अनुसार बेलघाट गांव निवासी प्रमोद महतो (45) और उनके बेटे प्रियांशु महतो (20) की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। प्रमोद महतो मूल रूप से पियनिया गांव के रहने वाले थे और मिठाई की दुकान चलाते थे। उनका बेटा प्रियांशु रोज दुकान पर हाथ बंटाता था। गुरुवार शाम दोनों सगाई समारोह की खरीदारी के लिए बाजार गए थे, लेकिन रात तक घर नहीं लौटे।
शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने बेलघाट गांव के पास सड़क किनारे दोनों के शव पड़े देखे तो इलाके में सनसनी फैल गई। आसपास के लोग मौके पर जुटे और देखते ही देखते माहौल आक्रोश में बदल गया।
सड़क पर जनसैलाब, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
हत्या की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। देखते-देखते सैकड़ों ग्रामीण धोबी घाटवा मोड़ पर पहुंच गए और आरा–सासाराम मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। लोगों ने टायर जलाए और “हत्यारों को फांसी दो” के नारे लगाने लगे।
सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे शहर का यातायात पूरी तरह ठप हो गया। गुस्साए ग्रामीणों ने कहा कि अगर अपराधियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र रूप ले लेगा। उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाने में प्रशासन नाकाम साबित हुआ है।
एसपी ने गठित की SIT, मगर जनता अब भी नाराज़
सूचना मिलते ही नवादा थाने की पुलिस और एसडीपीओ मौके पर पहुंचे। दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। भोजपुर एसपी राजीव कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
पुलिस का दावा है कि तकनीकी साक्ष्य और आसपास के CCTV फुटेज के आधार पर जांच तेजी से चल रही है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इससे ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस सक्रिय होती, तो इस तरह की वारदातें नहीं होतीं।
भोजपुर की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि साधारण व्यापारी परिवार पर इस तरह का हमला भोजपुर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
चुनावी मौसम में हुई यह वारदात प्रशासन और सत्ताधारी दल दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। जनता न्याय की मांग पर अडिग है और पूरे जिले में दहशत का माहौल कायम है।
लोगों में डर, दुकानदारों ने की सुरक्षा बढ़ाने की मांग
आरा बाजार के व्यापारियों ने भी इस घटना के बाद प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है। स्थानीय व्यापार मंडल ने कहा कि अगर अपराधियों का मनोबल इसी तरह बढ़ता रहा तो व्यापारियों के बीच भय और असुरक्षा की भावना और गहरी होगी।
अब सबकी निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं
आरा और आसपास के इलाकों में शांति बहाल करने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है, लेकिन लोग अब तक डरे हुए हैं। प्रमोद और प्रियांशु की हत्या ने भोजपुर को झकझोर कर रख दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन कितनी तेजी से हत्यारों को पकड़ पाता है और जनता का भरोसा दोबारा जीत पाता है या नहीं।






