अयोध्या से भीठमोर तक 453 किमी राम जानकी मार्ग का महत्वपूर्ण सेगमेंट, सिवान-पटना बाईपास के नदी पुल से शुरू हुआ काम; मैगा इंजीनियरिंग संभाल रही जिम्मेदारी
डिजिटल न्यूज़ डेस्क l केएमपी भारत l पटना
कृष्ण मुरारी पांडेय l सीवान
सिवान से मसरख तक करीब 50 किलोमीटर लंबे फोरलेन बाईपास का निर्माण कार्य औपचारिक रूप से शुरू हो गया है। यह बाईपास इसलिए भी खास है क्योंकि यह उत्तर प्रदेश के अयोध्या से होते हुए बिहार के सीतामढ़ी जिले के भीठमोर को जोड़ने वाली राम जानकी पथ परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राम जानकी पथ लगभग 453 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 240 किलोमीटर से अधिक हिस्सा बिहार की सीमा से होकर गुजरता है और यह मार्ग नेपाल से भी संपर्क स्थापित करता है।
सड़क निर्माण का कार्य दक्षिण भारत की प्रतिष्ठित कंपनी मैगा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (बेंगलुरु) को सौंपा गया है। कंपनी ने सिवान-छपरा बाईपास मार्ग पर स्थित नदी पुल से निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी है। प्रारंभिक चरण में सड़क को चौड़ा करने, मिट्टी भराई, बैकफिलिंग और बेस लेवल तैयार करने का काम तेजी से जारी है।
नए फोरलेन की दिशा निर्धारण में बैसाखी मोड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जहाँ से मार्ग को मसरख की ओर मोड़ने की योजना है। इस बाईपास के तैयार होने के बाद सिवान शहर के भीतर भारी वाहनों का प्रवेश कम होगा और यात्रियों को मसरख एवं आगे के मार्गों तक पहुँचने में समय की बड़ी बचत होगी।
परियोजना का स्वरूप केवल सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह धार्मिक पर्यटन और अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी से भी जुड़ा है। राम जानकी मार्ग अयोध्या से शुरू होकर सीतामढ़ी के भीठमोर तक पहुँचता है, जहाँ से यह नेपाल सीमा से जुड़ जाता है। ऐसे में सिवान–मसरख फोरलेन न सिर्फ जिला मुख्यालयों को जोड़ने का माध्यम बनेगा, बल्कि धार्मिक महत्व वाले स्थानों तक तीर्थयात्रियों की पहुँच भी सुगम करेगा। इस परियोजना से उत्तर बिहार के कई जिलों में आर्थिक गतिविधियों के तेज होने की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।
कंपनी के सुपरवाइजर राकेश कुमार ने बताया कि निर्माण की गति को प्राथमिकता पर रखा गया है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2027 तक फोरलेन बाईपास का पूरा निर्माण कार्य पूरा हो जाए। मशीनें और मानव संसाधन आवश्यकतानुसार बढ़ाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी चरण में देरी न हो।”
स्थानीय व्यापारियों और ग्रामीणों में इस परियोजना को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। उनका मानना है कि फोरलेन बनने से यात्रियों के साथ-साथ व्यापारियों को भी फायदा होगा, क्योंकि परिवहन समय कम होने से लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी। बाईपास के किनारे आने वाले वर्षों में नए व्यवसायिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, ढाबे और सर्विस सेंटर विकसित होने की भी संभावना है।
परियोजना के पूर्ण होने पर सिवान शहर में यातायात दबाव में बड़ी कमी आएगी। जाम, भीड़भाड़ और भारी वाहनों की समस्या कम होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सड़क अंतरराज्यीय और धार्मिक मार्ग का हिस्सा होने के कारण क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को नई दिशा देने वाली है।






