आधार और पैन कार्ड का दुरुपयोग कर बनाया गारंटर, चेन्नई की कंपनी से लिया गया लोन, क़िस्त न जमा होने से प्रबंधक का खराब हुआ सिबिल स्कोर
केएमपी भारत। गोपालगंज।
नगर थाना क्षेत्र के इंदरवा अब्दुल्लाह पैक्स से जुड़े एक बड़े फाइनेंस घोटाले का मामला सामने आया है। पैक्स प्रबंधक उमा शंकर सिंह ने नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि पूर्व पैक्स अध्यक्ष इमामुल हक ने उनके नाम व दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर 25 लाख रुपये का लोन एक निजी फाइनेंस कंपनी से फर्जी तरीके से लिया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रबंधक ने बताया: बिना जानकारी दिए बनाया गारंटर
सरेया वार्ड नंबर 6 के निवासी व इंदरवा अब्दुल्लाह पैक्स के प्रबंधक उमा शंकर सिंह ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि वर्ष 2024 के जून महीने में चेन्नई की समुनीति इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक फाइनेंस कंपनी से 25 लाख रुपये का ऋण पूर्व पैक्स अध्यक्ष इमामुल हक ने लिया। इसके लिए उन्होंने उमा शंकर के आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो आदि का इस्तेमाल कर उन्हें गारंटर बनाया, जबकि उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी।
खाते से भेजे गए थे 8250 रुपये, शुरू हुआ शक
प्रबंधक ने बताया कि इस ऋण को पाने के लिए संयुक्त खाते से लोन के फाइल चार्ज के रूप में 8250 रुपये भेजे गए थे। इस दौरान उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई। जब ऋण की किस्तें समय पर नहीं जमा हुईं और उनका क्रेडिट स्कोर (CIBIL) खराब होने लगा, तब उन्होंने मामले की तह में जाकर जानकारी निकाली।
पैक्स अध्यक्ष से मांगा जवाब, नहीं मिला संतोषजनक उत्तर
जब उमा शंकर ने पूर्व अध्यक्ष इमामुल हक से इस बारे में जवाब मांगा तो उन्होंने कोई ठोस जानकारी नहीं दी। इसके बाद प्रबंधक ने पूरे मामले की शिकायत नगर थाने में की और एफआईआर दर्ज कराई। अब पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नगर थानाध्यक्ष ने की पुष्टि, अनुसंधान जारी
नगर थानाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पैक्स से जुड़े लोगों में हड़कंप, कई पुराने मामलों की भी जांच शुरू
इस घटना के सामने आने के बाद इंदरवा अब्दुल्लाह पैक्स से जुड़े अन्य मामलों की भी पुलिस द्वारा फाइलें खंगाली जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो पिछले कुछ वर्षों में पैक्स से जुड़े वित्तीय लेनदेन में कई अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं, जिन्हें अब दोबारा जांचा जाएगा।