शिक्षा के विकास के लिए पुस्तकालय व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा। विकास कुमार
स्थानीय ईस्ट एन वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के बीएलआइएस विभाग में बुधवार को पुस्तकालय विज्ञान के जनक प्रो. डॉ. एस.आर. रंगनाथन की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता ईस्ट एन वेस्ट कॉलेज समूह के चेयरमैन डॉ. रजनीश रंजन ने की। उन्होंने रंगनाथन के तैलचित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
चेयरमैन डॉ. रंजन ने कहा कि 9 अगस्त 1892 को तमिलनाडु के शियालजी में जन्मे रंगनाथन का योगदान पुस्तकालय विज्ञान के इतिहास में अमिट है। 1924 से 1944 तक उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय के पहले पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने पुस्तकालय विज्ञान के पांच मूलभूत नियम तैयार किए, जो आज भी पुस्तकालय संचालन के लिए मार्गदर्शक माने जाते हैं। उनके द्वारा लिखी गई किताबों और शोध लेखों ने इस क्षेत्र को नई दिशा दी।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए 1957 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। उनके सम्मान में देशभर में 9 अगस्त को राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस मनाया जाता है। डॉ. रंजन ने कहा, “अगर भारत की प्रगति और विकास सुनिश्चित करना है तो हर गांव, हर विद्यालय और विश्वविद्यालय में पुस्तकालय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना होगा।”
इस अवसर पर ईस्ट एन वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नागेंद्र कुमार झा, ईस्ट एन वेस्ट डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बसंत कुमार मिश्रा, ईस्ट एन वेस्ट जनसंचार महाविद्यालय के प्राचार्य विष्णु स्वरूप, प्राध्यापक प्रमुख डॉ. प्रियंका पांडेय समेत सभी प्राध्यापकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में रंगनाथन के विचारों को वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में अपनाने का संकल्प लिया गया।