बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
कृष्ण मुरारी पांडेय l सिवान।
नीति आयोग भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के आलोक में जिला पदाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश के निर्देशानुसार “आकांक्षा हाट” का आयोजन 11 अगस्त से 14 अगस्त 2025 तक जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (डीआरसीसी), सिवान के परिसर में किया जाएगा। इस चार दिवसीय आयोजन का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों एवं जीविका समूहों को एक मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपने उत्पादों और प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
कई विभागों की भागीदारी, स्थानीय उत्पादों की झलक
“आकांक्षा हाट” में कृषि विभाग द्वारा 3 स्टॉल, उद्योग विभाग द्वारा 4 स्टॉल, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा 3 स्टॉल, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1 स्टॉल, जीविका द्वारा 4 स्टॉल तथा सुधा द्वारा 1 स्टॉल लगाया जाएगा। जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे अपने विभागीय उत्पादों, कौशल विकास से जुड़े कार्यों एवं लोक-कलाओं से जुड़े प्रतिभागियों को चिन्हित कर प्रदर्शनी में शामिल करें।
हैंडलूम-हैंडीक्राफ्ट से लेकर पेंटिंग तक होगी प्रदर्शित
मेले में स्थानीय उत्पाद, हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, लोक-चित्रकला, एवं जीविका समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की स्टॉलें प्रमुख आकर्षण होंगी। इसके माध्यम से स्थानीय प्रतिभाओं को पहचान एवं प्रोत्साहन देने का लक्ष्य रखा गया है।
बेहतर प्रदर्शन वालों को मिलेगा पुरस्कार
जिला प्रशासन की ओर से सर्वश्रेष्ठ स्टॉल का चयन प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा, जिसे विशेष रूप से पुरस्कृत भी किया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा के साथ गुणवत्ता को बढ़ावा देना है।
व्यवस्था चाक-चौबंद, हर पहलू पर नज़र
- सफाई की जिम्मेदारी नगर परिषद को सौंपी गई है, जो डीआरसीसी परिसर की स्वच्छता सुनिश्चित करेगी।
- चिकित्सा सुविधा हेतु सिविल सर्जन चिकित्सकीय दल व एंबुलेंस की व्यवस्था करेंगे।
- सुरक्षा इंतजाम हेतु अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारी व दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति होगी।
- अग्निशमन प्रबंधन की जिम्मेदारी जिला अग्निशमन पदाधिकारी को दी गई है, जो फायर ब्रिगेड वाहन एवं कर्मी तैनात करेंगे।
जनसंपर्क विभाग करेगा प्रचार-प्रसार
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग “आकांक्षा हाट” में पहुंच सकें और स्थानीय उत्पादों का लाभ ले सकें।
यह आयोजन जिले की सांस्कृतिक, शिल्प एवं औद्योगिक पहचान को नया आयाम देगा।