सीवान : नौंवी कक्षा में नामांकन को लेकर न हों परेशान, पेन और अपार कार्ड नहीं है, तो भी नहीं रुकेगा नामांकन

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शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों को दिए निर्देश, बच्चों को नामांकन से वंचित करने पर होगी कार्रवाई

डीईओ ने कहा— हर बच्चे को मिले पढ़ाई का अधिकार, बाधा नहीं बने कागजी प्रक्रिया

नामांकन के बाद स्कूल खुद बनाएंगे पेन और अपार आईडी

निजी स्कूल से आए छात्रों को भी मिलेगा दाखिला, टीसी लेकर आना होगा जरूरी

केएमपी भारत। सीवान।
सरकारी विद्यालयों में नौंवी कक्षा में नामांकन को लेकर शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब कक्षा आठ पास करने के बाद जिन विद्यार्थियों ने नौंवी में नामांकन के लिए आवेदन किया है, लेकिन उनके पास परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) और अपार आईडी नहीं है, उन्हें भी नामांकन से वंचित नहीं किया जाएगा।

जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि पेन और अपार कार्ड की अनुपलब्धता कोई बाधा नहीं है, और हर योग्य छात्र का नामांकन लिया जाना चाहिए।

शिकायतों के बाद आया निर्देश
डीईओ को लगातार अभिभावकों से शिकायतें मिल रही थीं कि कई स्कूल पेन और अपार कार्ड नहीं होने की स्थिति में बच्चों का नामांकन नहीं ले रहे हैं। इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए विभाग ने यह आदेश जारी किया।

डीईओ ने कहा कि सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों को UDISE कोड आवंटित किया गया है। यदि कोई छात्र निजी विद्यालय से स्थानांतरित होकर आ रहा है और उसके पास स्थानांतरण प्रमाण पत्र (TC) है, तो संबंधित सरकारी विद्यालय उसका नामांकन लेने के लिए बाध्य होगा।

नामांकन के बाद तुरंत बनेगा पेन और अपार कार्ड
डीईओ ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिया है कि नामांकन के बाद संबंधित छात्र का परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) और अपार आईडी अविलंब जनरेट किया जाए। छात्रों को इन दस्तावेजों के अभाव में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।

क्या होता है पेन नंबर?
पेन यानी परमानेंट एजुकेशन नंबर छात्रों की एक विशिष्ट 12 अंकों की पहचान संख्या होती है। यह नंबर उनकी शिक्षा यात्रा को ट्रैक करने के लिए होता है और एक बार बनने के बाद यह पूरे शैक्षणिक जीवनकाल तक मान्य होता है

प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी स्तर तक कार्रवाई तय, अगर कोई स्कूल करेगा अनदेखी

डीईओ ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी भी विद्यालय द्वारा किसी छात्र को सिर्फ पेन या अपार आईडी के अभाव में नामांकन से वंचित किया गया, तो उस विद्यालय के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग का मानना है कि नामांकन जैसी जरूरी प्रक्रिया को किसी कागजी अड़चन से बाधित नहीं किया जाना चाहिए। हर बच्चे को पढ़ाई का अधिकार है और स्कूलों का कर्तव्य है कि वे इसे सुनिश्चित करें।

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