सुबह 10:30 बजे से जाम की स्थिति बरकरार, न पुलिस दिखी, न कोई राहत व्यवस्था; महिला, बुजुर्ग और मरीज सबसे ज्यादा परेशान
केएमपी भारत। सिवान |
शहर के बड़हरिया स्टैंड से डॉक्टर्स कॉलोनी मोड़ तक सोमवार को दिन भर भीषण जाम की स्थिति बनी रही। सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ जाम दोपहर 12.30 बजे तक नहीं खुल सका, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।
स्कूल से लौटते बच्चे, बीमारों को अस्पताल ले जाते परिजन और जरूरी काम से निकले लोग सभी इस जाम में घंटों फंसे रहे।
ना ट्रैफिक पुलिस, ना कोई प्रशासनिक व्यवस्था
जाम की सबसे बड़ी चिंता की बात यह रही कि घंटों तक कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद नहीं दिखा। लोगों ने बताया कि जाम की स्थिति बनने के काफी देर बाद तक कोई नियंत्रण व्यवस्था लागू नहीं की गई, जिससे अराजकता और असुविधा और बढ़ गई।
महिलाएं, बुजुर्ग और मरीज बेहाल
जाम के कारण महिला यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। गर्मी और उमस में कई बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ने लगी, लेकिन निकलने का रास्ता नहीं था। वहीं कई मरीज जिनका समय पर अस्पताल पहुंचना जरूरी था, वे भी घंटों फंसे रहे।

वाहनों की बेतरतीब पार्किंग और अवैध ठेले बने जाम की वजह
स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़हरिया स्टैंड से यादव चौक तक जगह-जगह ठेले, अतिक्रमण और बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण जाम की स्थिति बनी। दुकानदारों द्वारा फुटपाथ तक कब्जा किए जाने से सड़कों की चौड़ाई पहले ही घट चुकी है।
लोगों का फूटा गुस्सा, प्रशासन पर सवाल
घंटों जाम में फंसे लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब रोज इसी इलाके में जाम लगता है, तो कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं किया जा रहा?
स्थानीय निवासियों की मांग:
ट्रैफिक व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए
अतिक्रमण पर कार्रवाई हो
बड़हरिया स्टैंड और यादव चौक पर ट्रैफिक जवानों की नियमित तैनाती की जाए
फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त किया जाए
स्थानीय लोगों ने क्या कहा
“हर दिन यही हाल है। आज तो हद हो गई, 3 घंटे फंसे रहे।” – राजेश कुमार, दवा दुकानदार
“बीमार माँ को डॉक्टर के पास ले जा रहा था, लेकिन आधे रास्ते में ही जाम में फंस गए।” – विवेक साह, स्थानीय निवासी
“महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हैं। प्रशासन को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।” – रीता देवी, शिक्षिका