राजीव कुमार और अभय कुमार ने लाभार्थी से मांगे थे पैसे, निगरानी की टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा
सेंट्रल डेस्क, केएमपी भारत, पटना
जमुई | शुक्रवार को जमुई जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मत्स्य विभाग के दो पदाधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। ये दोनों अफसर तालाब निर्माण योजना के लाभार्थी से ₹1.50 लाख की रिश्वत मांग रहे थे।https://youtu.be/cAEKYbP_IY8?si=bAFA-mFJJ37sHccf
शिकायतकर्ता ने निगरानी विभाग को दी थी सूचना
तुलसी यादव ने 4 जुलाई को पटना मुख्यालय में दर्ज कराई थी शिकायत
भेलवा मोहनपुर गांव निवासी तुलसी यादव ने निगरानी विभाग को बताया था कि उसकी पत्नी नीतू देवी के खाते में मत्स्य विभाग द्वारा ₹2.14 लाख भेजे गए थे। यह राशि तालाब निर्माण योजना के तहत दी गई थी। लेकिन भुगतान के कुछ ही दिनों बाद विभागीय अफसर राजीव कुमार (मत्स्य विकास पदाधिकारी) और अभय कुमार (मत्स्य प्रसार पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी) ने ₹1.50 लाख की रिश्वत की मांग शुरू कर दी।
तीन किस्तों में मांग रहे थे पैसे
बोले- ₹50,000 की तीन किश्तें दो, तभी आगे कुछ होगा
तुलसी यादव ने बताया कि अफसर बार-बार फोन करके पैसे लौटाने का दबाव बना रहे थे। उनसे कहा गया कि ₹50,000 की तीन किस्तें देनी होंगी। इस पर उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने निगरानी विभाग से संपर्क किया।
निगरानी की टीम ने रची जाल, विभागीय दफ्तर में दी दबिश
पैसा लेते ही अभय कुमार को पकड़ा, राजीव कुमार को भी किया अरेस्ट
शिकायत की पुष्टि के बाद निगरानी टीम ने 18 जुलाई को कार्रवाई की योजना बनाई। जैसे ही शिकायतकर्ता ने विभागीय कार्यालय में ₹50,000 रिश्वत अभय कुमार को दिए, टीम ने तुरंत दबिश दी और दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
छापेमारी का नेतृत्व कर रहे निगरानी डीएसपी सत्येंद्र राम ने बताया कि राजीव कुमार ने इशारा किया था और अभय कुमार ने पैसे लिए।
राशि की बरामदगी और टीम की मौजूदगी, अभय कुमार से मौके पर ही ₹50,000 बरामद, 8 सदस्यीय टीम रही मौजूद
गिरफ्तारी के दौरान टीम ने रिश्वत की रकम भी बरामद की। टीम में डीएसपी मिथिलेश कुमार, अवर निरीक्षक ऋषिकेश कुमार, एएसआई मणिकांत सिंह, कुमार रितेश, सिपाही रणधीर सिंह, पंकज कुमार और सुरेश कुमार शामिल थे।
डीएसपी बोले – सटीक सूचना थी, पूरी तैयारी के साथ की कार्रवाई
“रिश्वत की राशि मिलते ही दोनों को पकड़ लिया गया”, निगरानी प्रभारी सत्येंद्र राम
प्रेस को जानकारी देते हुए सत्येंद्र राम ने बताया कि शिकायत की पुष्टि के बाद पूरी टीम ने योजनाबद्ध तरीके से छापेमारी की। जैसे ही रिश्वत की पहली किश्त दी गई, तुरंत गिरफ्तारी की गई। उन्होंने कहा कि आगे की कानूनी कार्रवाई प्रक्रिया में है।
कार्रवाई से हड़कंप, भ्रष्ट अधिकारियों में मचा डर
निगरानी की फुर्ती से सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार पर सख्त संदेश
इस कार्रवाई से जिले के प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में निगरानी की सतर्कता को लेकर चर्चा तेज हो गई है। मामला अब कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेगा।