सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होकर तीन माह तक जिला अस्पताल में रहा भर्ती
सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l गोरखपुर
महराजगंज (गोरखपुर, यूपी)। जिला अस्पताल के लावारिश वार्ड में पिछले तीन माह से भर्ती अधेड़ को आखिरकार उसके अपने मिल गए। वाहन की चपेट में आकर बुरी तरह घायल यह व्यक्ति न बोल पा रहा था और न ही अपनी पहचान बता पा रहा था। अब हालत सुधरने के बाद उसने खुद को बिहार निवासी बताया। इंटरनेट मीडिया पर फोटो वायरल होते ही पहचान पटना जिले के मतौली थाना क्षेत्र के सरवा गांव निवासी योगेंद्र पासवान के रूप में हुई।
डॉक्टरों की कोशिश और सोशल मीडिया से जुड़ी कड़ी
तीन माह पहले अस्पताल के इमरजेंसी गेट पर घायल अवस्था में अधेड़ मिला था। हाथ टूटे थे, दोनों पैरों में गहरी चोटें थीं और घाव में कीड़े तक पड़ गए थे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की पहल पर उसे लावारिश वार्ड में भर्ती कराया गया। सर्जन डॉ. उदयभान और आर्थो सर्जन डॉ. विकास कुमार ने लंबे समय तक उसका इलाज किया। शुरुआत में वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था और कुछ भी नहीं बता पाता था। दस दिन पहले उसकी तबीयत सुधरी तो सिर्फ “बिहार” शब्द बोला।
फोटो से मिली पहचान, अस्पताल पहुंचा परिवार
डॉ. अनिता त्रिपाठी ने उसकी तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर साझा की। तस्वीर देखते ही छोटे भाई गंगेश और भांजा अनिल ने संपर्क किया। शुक्रवार देर शाम दोनों अस्पताल पहुंचे और योगेंद्र को निजी वाहन से बिहार ले गए।
अस्पताल स्टाफ की मानवीय पहल
इस भावुक पल का गवाह अस्पताल का पूरा स्टाफ बना। सीएमएस डॉ. एके द्विवेदी, डॉ. एवी त्रिपाठी, अस्पताल मैनेजर डॉ. अम्बरउल, स्टाफ नर्स परमशिला और किरण भी मौके पर मौजूद रहे। स्वजन और योगेंद्र को मिलते देख सभी की आंखें नम हो गईं।