क्यों बढ़ गई है बिहार में समय से पहले चुनाव की संभावना, तैयारी में कौन आगे-पीछे?

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बिहार एनडीए के तमाम नेता अलग-अलग में संयुक्त कार्यक्रम कर चुनावी तैयारी में जुटे हैं. बिहार में एनडीए की सरकार लगातार कई योजनाओं की सौगात देने में लगी है. बिहार की नीतीश सरकार से लेकर केंद्र की सरकार भी बिहार के लोगों को लगातार गिफ्ट देने में जुटी है. पीएम मोदी के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जीतनराम मांझी, चिराग पासवान, ललन सिंह, गिरिराज सिंह समेत तमाम दिग्गज बिहार में अभी से ही कैंप कर रहे हैं .

बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नंबर में होना है. लेकिन, फरवरी महीने से ही बिहार में जिस तरह से सियासी हलचल बढ़ गई है. जिस तरह से फरवरी महीने में बिहार में एनडीए गठबंधन और महागठबंधन के बड़े-बड़े नेताओं के पॉलिटिकल दौरे हो रहे हैं, उसको देखते हुए  बिहार में समय से पहले चुनाव कराये जाने की अटकलें लगाईं जा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भागलपुर की धरती से किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त के तहत 10 करोड़ किसानों को करीब 22,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. उन्होंने बिहार को कई योजनाओं की सौगात दी. इस दौरान पीएम मोदी ने बिहार से जुड़ी कई योजनाओं की घोषणा की. ऐसे में चुनाव से 8 महीने पहले पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है.

बिहार बजट सत्र के बाद कुछ बड़ा हो सकता है. महागठबंधन और खासकर कांग्रेस के भी दिग्गज बार-बार बिहार आ रहे हैं.चुनावी तैयारियों में जुटे हैं. बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के साथ कांग्रेस की सीनियर लीडर अलका लांबा भी बिहार प्रवास पर हैं. वहीं राहुल गांधी करीब एक महीने में 2 बार बिहार आ चुके हैं. इमरान प्रताप ने बिहार में सभा को संबोधित किया. वहीं तेजस्वी यादव भी लगातार बिहार का दौरा कर अपने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने में लगे हुए हैं. बिहार में सियासी दिग्गजों के दौरे की यह ये फेहरिस्त अभी और लंबी होने वाली है.

महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में एनडीए को शानदार जीत मिली है. वहीं देश के आम बजट में बिहार कोई कई सौगात मिली है. सीएम नीतीश कुमार की यात्रा के दौरान कई घोषणाएं की गयी है. ऐसे में ये वैसे तमाम मुद्दे हैं, जिसके एनडीए की सरकार को विधानसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है. इसलिए भी ऐसा संभव है कि एनडीए पहले चुनाव कराने की पहल करे ताकि चुनाव में इन घोषणाओं का लाभ मिल सके. सीएम नीतीश कुमार के करीबी मंत्री विजय चौधरी भी  इशारा कर चुके हैं  कि एनडीए कभी भी चुनाव के लिए तैयार है.

महागठबंधन के अंदर अभी तैयारी की कमी दिखती है. तेजस्वी बिहार की यात्रा कर चुके हैं. लेकिन, उन्हें अभी बहुत तैयारी करनी है. कांग्रेस ने इस बार चुनावी तैयारी तो तेज कर दी है. लेकिन, अभी कांग्रेस को अपना जनाधार वापस बनाने में समय लगेगा. इसके अलावा प्रशांत किशोर की पार्टी भी जनसुराज भी चुनाव में कूदने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है. ऐसे में नीतीश कुमार और एनडीए के दूसरे नेता चाहते हैं कि पहले चुनाव कराकर लीड ले जाए.  पहले चुनाव हुआ तो नीतीश कुमार के खिलाफ आगे कोई सत्ता विरोधी लहर जो अमूमन लंबे समय से राज करने वाली सरकार के खिलाफ होती है उसका भी कम ही असर होने की संभावना है. इन तमाम बातो को देखें तो एनडीए ऐसा जोखिम उठा सकती है कि समय से पहले चुनाव करा दे.

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