-स्वजन के संग आक्रोशित ग्रामीणों ने सीएचसी-नाथनगर से शव लेकर गांव में चले गए
-मृतक की पत्नी ने कहा, जब तक उनके चारों बेटे दिल्ली से नहीं आ जाते,वे शव काे छूने नहीं देंगे
-एसपी ने,स्वजन को काफी देर तक समझाया, इसके बाद वे माने,पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
सेंट्रल डेस्क, केएमपी भारत। गोरखपुर
महुली, संतकबीरनगर। महुली थाना के नगुवा गांव निवासी एक बुजुर्ग गैर जमानती वारंटी की मंगलवार को पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई। स्वजन के संग आक्रोशित ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(सीएचसी)-नाथनगर से शव लेकर गांव में चले गए। मृतक की पत्नी ने कहा, जब तक उनके चारों बेटे दिल्ली से नहीं आ जाते,वे शव को छूने नहीं देंगे। सूचना मिलने पर पहुंचे एसपी मृतक के घर पहुंचे। स्वजन को काफी देर तक समझाया-बुझाया। इसके बाद वे मान गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
महुली थाना के नगुवा गांव निवासी 65 वर्षीय रामकिशुन
पुत्र बुझई दमा से पीड़ित थे। गत सोमवार को शाम के करीब पांच बजे शनिचरा बाबू पुलिस चौकी के दो पुलिस कर्मी उनके यहां आए थे। इन्होंने कहा कि उनके नाम कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी है। मंगलवार को सुबह पुलिस चौकी पर आने के लिए कहे थे। रामकिशुन सुबह के करीब आठ बजे भोजन करने जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस चौकी के तीन पुलिस कर्मी उनके यहां आए। उन्हें बाइक में बैठाकर पुलिस चौकी लाए। यहां पर उनकी कुछ देर बाद तबीयत बिगड़ गयी। पुलिस कर्मियों ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-नाथनगर में लाए। यहां के चिकित्सक ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना की जानकारी मिलने पर स्वजन के साथ ग्रामीण पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। शव को लेकर अपने घर चले गए।सुबह करीब नौ बजे से दोपहर के बारह बजे तक इन्होंने शव को छूने नहीं दिया। स्वजन का कहना था कि उनके चारों बेटे 30 वर्षीय मनोज,26 वर्षीय सुनील,25 वर्षीय अनिल व 24 वर्षीय अंकित दिल्ली में मजदूरी करते हैं। जब तक ये नहीं आ जाते, तब तक शव ले जाने नहीं देंगे। इससे पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई। इसकी सूचना मिलने पर दोपहर के करीब सवा बारह बजे एसपी संदीप कुमार मीना,एएसपी सुशील कुमार सिंह, धनघटा के सीओ प्रियम राजशेखर पाण्डेय,थानाध्यक्ष-महुली रजनीश राय,थानाध्यक्ष-धनघटा रामकृष्ण मिश्र पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। एसपी ने गांव में पहुंचकर मृतक के स्वजन व उनके रिश्तेदारों को समझाए-बुझाए। गांववालों से बातचीत की। इस पर स्वजन मान गए। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक के घर पर तैनात की गयी पुलिस फोर्स
मृतक के घर पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गयी है। मृतक की पत्नी चंद्रावती, बेटी साधना देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। ये दिल्ली में रहने वाले अपने चार बेटों के आने का इंतजार कर रही हैं। इनके घर पर रिश्तेदार,गांव के लोगों की भीड़ जुटी है। घर में मातम छाया हुआ है।
मारपीट के मामले में बने थे गवाह
महुली थाना के नगुवा गांव निवासी सुभही व तन्नू के बीच करीब 14 वर्ष पहले मारपीट हुई थी। इस घटना में सुभही को काफी चोट लगी थी। इस मामले में रामकिशुन(मृतक),रामसजीवन उर्फ मोती गवाह थे। स्वजन का आरोप है कि गत 14 जुलाई की शाम करीब पांच बजे शनिचरा बाबू पुलिस चौकी के दो पुलिस कर्मी वारंट लेकर आए थे,उन्हें सुबह चौकी पर बुलाया था। वह मंगलवार को चौकी पर जाने की तैयारी कर रहे थे। वह भोजन करने जा रहे थे कि तभी पुलिस कर्मी दोबारा उनके घर पर पहुंच गए। उन्हें भोजन भी नहीं करने दिए और न ही दमा की दवा खाने दिए। उन्हें जबरन बाइक पर बैठाकर चौकी लेकर चले गए थे।
सिपाहियों पर पैसा मांगने का आरोप
मृतक की बेटी साधना ने बताया कि शनिचरा बाबू पुलिस चौकी के सिपाही उनके पिता से पैसा मांग रहे थे। पैसा घर पर नहीं था। पुलिस उन्हें जबरिया उठा कर ले गई। इससे उनके बुजुर्ग पिता घबरा गए। पुलिस चौकी में ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-नाथनगर ले गए।
एसपी ने दिए जांच के आदेश
पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मीना ने बताया पुलिस कस्टडी में गिरफ्तार वारंटी रामकिशुन की मौत की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।