पहली किस्त के तौर पर 20 हजार रुपए लेते पकड़ा गया क्लर्क, कुल 90 हजार की थी रिश्वत की डिमांड
समस्तीपुर से गिरफ्तार किए गए वाणिज्य अधीक्षक माणिक चंद, टीम में महिला DSP समेत 7 अधिकारी थे शामिल
बिहार डेस्क, केएमपी भारत, मुजफ्फरपुर
मोतिहारी | बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल जंक्शन पर सोमवार को CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्सल विभाग में पदस्थापित बुकिंग क्लर्क वीरेश कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। वीरेश कुमार 20 हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था, जो कि 90 हजार की कुल डील की पहली किस्त बताई जा रही है।
सीबीआई की इस रेड से रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया है। जांच के दौरान जब वीरेश से पूछताछ हुई तो उसने खुलासा किया कि वह यह रकम वाणिज्य अधीक्षक माणिक चंद के कहने पर ले रहा था। इस खुलासे के बाद CBI की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए समस्तीपुर से वाणिज्य अधीक्षक माणिक चंद को भी गिरफ्तार कर लिया।

पहले से बिछा रखा था जाल, जैसे ही रुपये लिए—CBI ने दबोच लिया
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई को पहले से शिकायत मिली थी कि रक्सौल जंक्शन के पार्सल विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। इसी क्रम में एक ग्राहक ने पार्सल बुकिंग में हेराफेरी के लिए मांगी जा रही रिश्वत की सूचना दी। CBI ने जाल बिछाया और सोमवार को जैसे ही वीरेश कुमार ने 20 हजार रुपए लिए, टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया।
समस्तीपुर से गिरफ्तार हुए माणिक चंद, छापेमारी में महिला DSP भी शामिल
जब वीरेश ने पूछताछ में माणिक चंद का नाम लिया, उस वक्त अधीक्षक समस्तीपुर में मौजूद थे। सीबीआई की टीम ने बिना देरी किए समस्तीपुर पहुंचकर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। रेड टीम में महिला DSP समेत कुल 7 अधिकारी शामिल थे, जो पूरे अभियान को अंजाम दे रहे थे।
पुराने मामले में भी नाम आया था सामने, तब कार्रवाई नहीं हुई थी
छह माह पहले भी इसी पार्सल विभाग में बड़ी हेराफेरी सामने आई थी। कॉस्मेटिक सामान के नाम पर चाइनीज सिगरेट की बुकिंग की गई थी, जिसे बाद में रक्सौल कस्टम विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद जब्त किया था। उस वक्त भी पार्सल विभाग के अधिकारियों पर गंभीर सवाल उठे थे, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
CBI की चुप्पी, रेलवे की छवि पर गहरा सवाल
CBI ने अभी तक इस पूरे मामले में औपचारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार छापेमारी और गिरफ्तारी पूरी तरह प्रमाण आधारित रही। इस कार्रवाई से रेलवे की पार्सल बुकिंग व्यवस्था पर फिर से सवाल उठने लगे हैं और कई अधिकारी सीबीआई के रडार पर बताए जा रहे हैं।
जांच जारी, कई और गिरफ्तारियां संभव
CBI की टीम इस मामले को लेकर गहन जांच में जुटी है। वीरेश कुमार और माणिक चंद की गिरफ्तारी के बाद अब इस घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।