शहीद रामफल मंडल शहादत दिवस पर धानुक समाज की हुंकार : अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलाने की उठी मांग
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
लखीसराय | अभिनंदन कुमार
लखीसराय के पचना रोड स्थित भारत माता प्रांगण में शनिवार को शहीद रामफल मंडल शहादत दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय धानुक उत्थान महासंघ के जिला अध्यक्ष रामानंद प्रसाद ने की जबकि संचालन परशुराम मंडल ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में समाज के लोग एकजुट होकर पहुंचे और अपने हक–अधिकार की आवाज बुलंद की।
“78 साल बाद भी नहीं मिला हक”
सभा को संबोधित करते हुए रामानंद प्रसाद ने कहा कि आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी धानुक समाज को उसका अपेक्षित अधिकार नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि धानुक समाज की 11% आबादी होने के बावजूद राजनीतिक हिस्सेदारी नगण्य है। अनुसूचित जनजाति का दर्जा अबतक नहीं मिलने से समाज हाशिए पर है।
उन्होंने कहा कि 1986 में ही विपक्ष के नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वेश्वरी दुबे को पत्र लिखकर धानुक जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सिफारिश की थी, लेकिन आजतक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आंदोलन की दी चेतावनी
रामानंद प्रसाद ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा और राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं दी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धानुक समाज सड़क पर उतरकर धरना, प्रदर्शन और चक्का जाम करने को बाध्य होगा।
शहीद के नाम पर चौक और प्रतिमा की मांग
सभा में वक्ताओं ने फतेहपुर–कोटवा चौक का नाम शहीद रामफल मंडल चौक करने, वहां उनकी प्रतिमा स्थापित करने और यात्री शेड बनवाने की मांग भी उठाई। वक्ताओं ने कहा कि शहीद के बलिदान को यादगार बनाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
इस मौके पर परशुराम मंडल, उमेश मंडल, जितेंद्र कुमार, सियाराम महतो और रंजू देवी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने शहीद रामफल मंडल को नमन करते हुए उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।