सीवान : कनीय शिक्षक के समकक्ष वेतन से वंचित हैं वरीय शिक्षक; 9 माह बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं, शिक्षकों में नाराजगी

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डिजिटल न्यूज़ डेस्क l केएमपी भारत l पटना

कृष्ण मुरारी पांडेय। सिवान | जिले में वरीय शिक्षकों का वेतन कनीय शिक्षक के मूल वेतन के अनुरूप निर्धारित नहीं होने से शिक्षकों में गहरी नाराजगी है। शिक्षा विभाग के स्पष्ट आदेश के बावजूद 9 माह बीत जाने के बाद भी इसका अनुपालन नहीं हो सका है।
इसको लेकर शिक्षक लगातार विभागीय कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल पाया।


शिक्षा विभाग ने दिसंबर 2024 में ही जारी कर दिया था आदेश

शिक्षा विभाग, पटना के उप सचिव द्वारा ज्ञापांक 11/वी 1-8/2013 (अंश) – 3068, दिनांक 23 दिसंबर 2024 के माध्यम से कनीय शिक्षक के समरूप वरीय शिक्षक का वेतन निर्धारण को लेकर आदेश जारी किया गया था।

इस आदेश के आलोक में जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), सिवान—अवधेश कुमार ने 11 फरवरी 2025 को पत्रांक 538 के जरिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देने का दावा भी किया था कि वरीय शिक्षकों का वेतन निर्धारण नियमानुसार किया जाए।


शिक्षकों का आरोप—कागज पर आदेश, जमीन पर शून्य कार्रवाई

शिक्षक प्रतिनिधियों का कहना है कि आदेश जारी होने के बाद भी आज तक किसी भी शिक्षक का वेतन कनीय शिक्षक के वेतनमान के समरूप निर्धारित नहीं किया गया।
करीब 9 माह बीत जाने के बाद भी वेतन निर्धारण का कार्य अधर में लटका हुआ है।

शिक्षकों का कहना है कि

  • आदेश सिर्फ फाइलों में घूम रहा है
  • प्रखंड स्तर पर कोई पहल नहीं

एक शिक्षक कुमार राजकपूर ने कहा—
“जब विभाग स्पष्ट आदेश जारी कर चुका है, तब भी प्रखंड स्तर पर कार्रवाई न होना समझ से परे है। अगर वेतन समानता ही नहीं मिलेगी, तो वरीय शिक्षक की पदोन्नति का क्या मतलब?”


9 माह की देरी पर उठ रहे सवाल

वेतन निर्धारण से संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) का आदेश फरवरी 2025 में जारी हुआ था।
इसके बाद 9 माह तक किसी भी स्तर पर कार्रवाई न होना बड़ी लापरवाही माना जा रहा है।
शिक्षकों का तर्क है कि

  • अन्य जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है
  • सिवान में ही देरी क्यों?

इस मुद्दे पर शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।


जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी का क्या कहना है

इस संबंध में की गई पूछताछ पर
जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO), सिवान—रजनीश कुमार झा ने कहा कि
वेतन निर्धारण से संबंधित फाइलों की जांच की जा रही है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि
“वेतन विसंगतियों को दूर करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”


शिक्षक संगठनों ने दी चेतावनी—जरूरत पड़ी तो करेंगे आंदोलन

वेतन निर्धारण में हो रही देरी को लेकर शिक्षक संगठनों ने संकेत दिए हैं कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिला स्तर पर आंदोलनकारी रुख अपना सकते हैं।

शिक्षक प्रतिनिधियों का कहना है—
“यह न सिर्फ वेतन का मुद्दा है, बल्कि सम्मान और पद मूल्यांकन का प्रश्न है। आदेश का पालन होना ही चाहिए।”



इनसेट : डीईओ कार्यालय करता है तत्काल निस्तारण, लेकिन स्थापना विभाग में आदेश पड़ जाते हैं ठंडे बस्ते में

‘पैसे के लेनदेन का मामला’, शिक्षक संघ के जिला प्रवक्ता कुमार राज कपूर ने लगाए गंभीर आरोप

सीवान। जिले के स्थापना शाखा में शिक्षा विभाग के आदेशों के निस्तारण को लेकर दावा किया जा रहा है कि अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश जब जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय पहुँचते हैं तो उनका समय पर निस्तारण हो जाता है, लेकिन वही आदेश जब स्थापना शाखा में आते हैं, तो अधिकारियों द्वारा जानबूझकर उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है

बताते हैं कि, कई मामलों में फ़ाइलें महीनों तक बिना किसी प्रगति के पड़ी रहती हैं, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों के मामले लंबित हो जाते हैं।

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रवक्ता कुमार राज कपूर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि
“इसमें पैसे के लेनदेन का मामला है। स्थापना विभाग शिक्षा विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखाता है। ऊपर से आने वाला हर आदेश DEO कार्यालय में निस्तारित हो जाता है, लेकिन स्थापना शाखा में वही आदेश महीनों तक धूल खाता रहता है।”

शिक्षक संगठन ने मांग की है कि स्थापना शाखा की कार्यप्रणाली की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। संगठन का कहना है कि यदि विभाग समय रहते सुधार नहीं करता है, तो वे आंदोलनात्मक रुख अपनाने को मजबूर होंगे।

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