Buxar News: बक्सर सदर अस्पताल में इंजेक्शन लगते ही बच्ची की मौत, हंगामा और सड़क जाम

Share

अस्पताल के कर्मचारी मौके से फरार, मरीजों को छोड़ भागे; पुलिस-प्रशासन ने संभाला मोर्चा

बिहार डेस्क, केएमपी भारत पटना
बक्सर |
बक्सर सदर अस्पताल में मंगलवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब एक सात वर्षीय बच्ची की मौत एंटी रेबीज (ARV) इंजेक्शन लगने के कुछ ही मिनटों के भीतर हो गई। बच्ची को दिन में कुत्ते ने काट लिया था और इलाज के लिए परिजन उसे अस्पताल लेकर आए थे। इलाज के क्रम में इंजेक्शन देने के तुरंत बाद बच्ची की हालत बिगड़ने लगी और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इंजेक्शन के बाद बिगड़ी हालत, डॉक्टर ने किया मृत घोषित
मृत बच्ची की पहचान बक्सर के वरुणा गांव निवासी प्रदीप यादव की बेटी साजन कुमारी के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 11:30 बजे साजन को एक कुत्ते ने काट लिया था। परिजन उसे संध्या करीब 4 बजे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर आए। डॉक्टर को दिखाने के बाद उसे एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया। लेकिन कुछ ही मिनटों में बच्ची की हालत बिगड़ गई और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मौत की सूचना मिलते ही मचा हंगामा, सड़क जाम
बच्ची की मौत की सूचना मिलते ही अस्पताल परिसर में भारी हंगामा मच गया। आक्रोशित परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल के सामने सड़क को जाम कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल के सारे कर्मचारी और डॉक्टर मौके से फरार हो गए। कर्मचारियों के नहीं रहने के कारण अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों की हालत भी बिगड़ने लगी। उन्हें स्थानीय लोगों की मदद से निजी अस्पतालों में शिफ्ट करना पड़ा।

सदर अस्पताल की लापरवाही पर भड़के लोग, आंदोलन की चेतावनी
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने कहा कि बक्सर सदर अस्पताल की यह पहली घटना नहीं है। लापरवाही और अनियमितता यहां आम बात हो गई है। अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की और अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो पूरे जिले में बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।

पुलिस ने संभाला मोर्चा, एसडीपीओ ने लोगों को समझाकर कराया शांत
घटना की जानकारी मिलते ही टाउन थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत करने की कोशिश की। बाद में सदर एसडीपीओ गौरव पांडेय खुद घटनास्थल पहुंचे और परिजनों व आक्रोशित भीड़ को समझाकर स्थिति पर नियंत्रण पाया।

जांच की मांग, अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से तत्काल उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि बच्ची की मौत इंजेक्शन में गड़बड़ी या डॉक्टर की लापरवाही का नतीजा है। अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।

सवालों के घेरे में बक्सर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल
बक्सर का सदर अस्पताल एकमात्र बड़ा सरकारी स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन यहां सुविधाओं का घोर अभाव, डॉक्टरों की अनुपस्थिति और दवाओं की कमी आम शिकायत बन चुकी है। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है।

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031