उत्कृष्ट कार्यालयों को मिला ‘चल वैजयंती राजभाषा शील्ड’
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर। अनूप कुमार तिवारी
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) मुजफ्फरपुर की छमाही बैठक बुधवार को आंचलिक प्रबंधक एवं नराकास अध्यक्ष शैलेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में भारत सरकार के गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय, कोलकाता के उप निदेशक विचित्र सेन गुप्ता ने कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया, प्रधान कार्यालय मुंबई की सहायक महाप्रबंधक मऊ मैत्रा, सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक राकेश कुमार, तथा सशस्त्र सीमा बल के उप महानिरीक्षक सरोज कुमार ठाकुर सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने विचार रखे। बैठक में विभिन्न विभागों व संस्थानों से 125 सदस्य उपस्थित रहे।
पत्रिका ‘बज्जिकांगन’ और ई-न्यूज लेटर का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान समिति की वार्षिक पत्रिका ‘बज्जिकांगन’ और ई-पत्रिका ‘तिरहुता’ न्यूज लेटर का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्यालयों को चल वैजयंती राजभाषा शील्ड और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
राजभाषा संगोष्ठी: ‘भारतीय परंपरा एवं राजभाषा हिन्दी’
बैठक के उपरांत राजभाषा संगोष्ठी का आयोजन हुआ। विषय था—‘भारतीय परंपरा एवं राजभाषा हिन्दी’। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. महेंद्र मधुकर, वरिष्ठ कवि-साहित्यकार व बिहार विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष ने एकल व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी संस्कृति का संवाहक है और इसे जन-जन तक पहुँचाना हमारी जिम्मेदारी है।
नराकास अध्यक्ष ने दिया संदेश
अपने अध्यक्षीय संबोधन में शैलेन्द्र प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों, उपक्रमों और बैंकों में हिन्दी को सरल और सुगम बनाने की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं। प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि राजभाषा हिन्दी स्वाभाविक और सहज बने। उन्होंने सभी सदस्य कार्यालयों से आग्रह किया कि वे हिन्दी को भारत की साझा संस्कृति की अभिव्यक्ति का माध्यम बनाएं।
उप निदेशक ने की विस्तृत समीक्षा
विचित्र सेन गुप्ता ने सदस्य कार्यालयों से प्राप्त छमाही रिपोर्ट का अवलोकन कर मदवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकांश कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की स्थिति संतोषजनक है। हालांकि, कुछ बिंदुओं पर और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने ‘कंठस्थ 2.0’ और ‘हिन्दी शब्द सिंधु’ के उपयोग पर विशेष बल दिया और कहा कि नीतियों का केवल प्रचार नहीं, बल्कि अनुपालन होना चाहिए।
मातृभाषा से ही संभव है राष्ट्र का विकास
मऊ मैत्रा ने कहा कि किसी राष्ट्र का विकास उसकी मातृभाषा के विकास के बिना संभव नहीं है। नई पीढ़ी को ज्ञान मातृभाषा में ही उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि सभी लोग प्रेमपूर्वक हिन्दी को अपनाएं और इसे शीर्ष स्थान दिलाएं।
राष्ट्रगान से हुई शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और राष्ट्रगान से हुई। संचालन अनूप कुमार तिवारी, सदस्य सचिव एवं वरिष्ठ प्रबंधक ने किया।