सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर | आशीष त्रिवेदी
पिता की हत्या के आरोपी बेटे मो. कुरैश को अदालत ने सख्त सजा सुनाई है। मुजफ्फरपुर जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पंचम आलोक कुमार पांडेय की अदालत ने उसे सश्रम आजीवन कारावास की सजा दी है। साथ ही 50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड नहीं देने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने आदेश दिया कि अभियुक्त ने अब तक जेल में जितना समय गुजारा है, वह अवधि उसकी सजा में समायोजित की जाएगी।
2018 में पिता की हत्या, 2025 में मिली सजा
यह मामला सात साल पुराना है। 30 सितंबर 2018 को मुजफ्फरपुर जिले के पियर थाना क्षेत्र के हत्था ओपी अंतर्गत मुन्नी बैगरी गांव में आधी रात को कुरैश ने अपने पिता मो. जैनुल हक पर नुकीले हथियार से हमला कर दिया था। सोते समय सिर पर वार करने से उनकी मौत हो गई थी। इस हत्याकांड में एकमात्र आरोपी कुरैश को कोर्ट ने दोषी पाया।
भाई ने दी थी पुलिस को सूचना
हत्या के बाद मृतक के बेटे नजरे आलम ने अपने बड़े भाई कुरैश के खिलाफ फर्द बयान दर्ज कराया। इसी आधार पर पियर थाना में आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज हुआ। प्राथमिकी संख्या सरैया थाना कांड संख्या 176/2018 थी, जिस पर 2019 से ट्रायल चल रहा था।
पारिवारिक जमीनी विवाद बनी वजह
मामले की जांच में खुलासा हुआ कि पिता-पुत्र के बीच जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद था। इसी कारण गुस्से में आकर कुरैश ने अपने पिता की हत्या कर दी।
कोर्ट में पेश हुए गवाह, एपीपी ने रखा पक्ष
मामले की सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक राम नारायण राय ने साक्ष्य और गवाह कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि यह मामला ‘रेयर ऑफ द रेयरेस्ट’ श्रेणी में नहीं आता, इसलिए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी गई। एपीपी के साथ अधिवक्ता शिल्पी कुमारी और आशीष त्रिवेदी ने सहयोग किया।