नालंदा में भ्रष्टाचार पर निगरानी का बड़ा वार
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
बिहारशरीफ (नालंदा)। अविनाश पांडेय
नालंदा जिले में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के ब्लॉक कम्युनिटी मैनेजर (बीसीएम) आशुतोष कुमार को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई इस्लामपुर प्रखंड में की गई। गिरफ्तारी के बाद जब आरोपी को हाथ धुलवाया गया तो पानी तुरंत लाल हो गया। इसे निगरानी की टीम ने साक्ष्य के रूप में सुरक्षित रख लिया। इस कार्रवाई के बाद पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
शिकायत पर हुई त्वरित कार्रवाई
निगरानी विभाग के डीएसपी ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं की बहाली प्रक्रिया के दौरान इस्लामपुर वार्ड संख्या-20 की निवासी रशीदा परवीन से बीसीएम आशुतोष कुमार ने रिश्वत की मांग की थी। आरोपी ने कहा था कि उसका चयन तो हो जाएगा, लेकिन इसके लिए 40 हजार रुपये देने होंगे। पीड़िता ने तुरंत इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से कर दी।
जांच के बाद बिछाया गया जाल
शिकायत मिलते ही निगरानी की टीम ने पूरे मामले की गहन जांच की। जांच में आरोप सही पाए जाने पर जाल बिछाया गया। तय समय और जगह पर जैसे ही बीसीएम ने रिश्वत की रकम ली, टीम ने उसे मौके पर ही रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद आवश्यक कागजी कार्रवाई करते हुए आरोपी को पटना स्थित निगरानी मुख्यालय ले जाया गया।
स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
स्थानीय स्तर पर इस कार्रवाई की खूब चर्चा हो रही है। बताया जाता है कि आशा कार्यकर्ताओं से चयन प्रक्रिया में रिश्वत मांगे जाने की शिकायत विभागीय अधिकारियों तक भी पहुंची थी। हाल ही में विभागीय बैठक में वरीय अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निगरानी की इस कार्रवाई के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों में भी खौफ देखा जा रहा है।
जनता में बढ़ा भरोसा
निगरानी ब्यूरो की इस कार्रवाई से आम लोगों में विश्वास बढ़ा है। लोग अब खुलकर भ्रष्टाचार की शिकायत करने को आगे आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसी तरह कार्रवाई होती रही तो स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और योग्य अभ्यर्थियों को उनका हक मिलेगा।