डॉ. विजय शंकर ने किया सफल ऑपरेशन, मां बोलीं– भगवान बनकर बचाई मेरे बेटे की जान
बिहार डेस्क। भागलपुर
केएमपी भारत न्यूज़। सहरसा | दशहरा की रात सूर्या हॉस्पिटल सहरसा में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे युवक को नया जीवन मिला। मधेपुरा जिले के आजाद टोला निवासी 25 वर्षीय आशीष कुमार को गुरुवार शाम अज्ञात अपराधियों ने गोली मार दी थी। घटना के बाद युवक करीब आधे घंटे तक सड़क किनारे तड़पता रहा। बाद में स्थानीय लोगों ने उसे सदर अस्पताल और फिर मधेपुरा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। वहां स्थिति गंभीर देख डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया।
परिजनों ने रातोंरात आशीष को सहरसा स्थित सूर्या हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां निदेशक व प्रसिद्ध सर्जन डॉ. विजय शंकर ने तत्काल इलाज शुरू किया। करीब दो घंटे तक चले जटिल ऑपरेशन के बाद उन्होंने युवक की जान बचा ली। गोली युवक के बाएं सीने में लगने से उसका फेफड़ा और लंग्स बुरी तरह डैमेज हो गया था। साथ ही अत्यधिक रक्तस्राव से उसकी हालत नाजुक हो चुकी थी। इसके बावजूद डॉक्टरों की टीम की मेहनत रंग लाई और युवक की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो गई।
मरीज की मां नूतन देवी ने भावुक होकर कहा– “डॉ. विजय शंकर हमारे लिए भगवान साबित हुए हैं। उन्होंने मेरे बेटे को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया। हम उनकी पूरी टीम को कोटि-कोटि धन्यवाद देते हैं।”
वहीं डॉ. विजय शंकर ने कहा कि पर्व-त्योहार से बड़ा कोई धर्म नहीं, इंसान की जान बचाना ही सबसे बड़ा उत्सव है। उन्होंने बताया कि गोली के कारण युवक की हालत बेहद गंभीर थी, लेकिन लगातार प्रयास से उसकी जान बचाना संभव हो पाया।
फिलहाल आशीष खतरे से बाहर है और डॉक्टरों की निगरानी में है। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि चिकित्सकों की संवेदनशीलता और त्वरित प्रयास किसी के जीवन के लिए चमत्कार से कम नहीं।