सूर्या हॉस्पिटल के निदेशक ने कहा – “अस्पताल को बदनाम करने की हुई थी साजिश”
सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा l विकास कुमार
जिले में सूर्या हॉस्पिटल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों डीबी रोड निवासी एक महिला की मौत के बाद परिजनों ने गांधी पथ स्थित सूर्या हॉस्पिटल परिसर में जमकर बवाल किया था। परिजनों का आरोप था कि इलाज में लापरवाही के कारण उनकी परिजन की मौत हुई। इस दौरान शव के साथ पहुंचे दर्जनों लोगों ने अस्पताल परिसर में तोड़फोड़, गाली-गलौज और मारपीट की थी।
अब इस मामले में एक नया मोड़ तब आ गया जब सूर्या हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. विजय शंकर ने खुद सदर थाना में लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की। डॉक्टर ने आवेदन में लिखा कि करीब डेढ़ सौ लोग अस्पताल में घुसे, तोड़फोड़ की और उनके साथ अभद्रता की। उन्होंने पुलिस से सभी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मीडिया से बातचीत में डॉ. विजय शंकर ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब उन्हें और उनके अस्पताल को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश है। उन्होंने कहा कि “मरीज की नस कटने के बाद कोई भी व्यक्ति पांच से छह घंटे से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता। अगर परिजनों को इलाज पर संदेह था तो उन्हें शव का पोस्टमार्टम करवाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया, क्योंकि यह महज एक बहाना है ताकि अस्पताल और मुझे बदनाम किया जा सके।”
डॉ. शंकर ने यह भी कहा कि वह वर्षों से ईमानदारी से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इस तरह का आरोप लगाना न केवल गलत है बल्कि डॉक्टर–मरीज संबंधों पर भी सवाल खड़ा करता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि अस्पताल में तोड़फोड़ और हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसे हालात दोबारा पैदा न हों।